भारत से भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी का प्रत्यर्पण होगा या नहीं, इसका फैसला गुरुवार को हो जाएगा। नीरव मोदी इस समय लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिये अदालत में मामला चल रहा है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के 2 अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़) के घोटाले में वांछित है। लंदन के वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट के सामने सुनवाई जेल से वीडियो कॉल के माध्यम से होगी।
अंतिम मुहर के लिए प्रीति पटेल के पास जाएगा मामला
सुनवाई के बाद जज सेमुअल गूजी प्रर्त्यपण पर अपना फैसला देंगे। फैसले के बाद उस पर अंतिम मुहर लगाने के लिए यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा। नीरव मोदी को प्रर्त्यपण वारंट के संबंध में 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था। नीरव मोदी पर दो केस चल रहे हैं, इनमें से एक पंजाब नेशनल बैंक में धोखाधड़ी का मामला सीबीआइ और दूसरा मनी लांड्रिंग का मामला ईडी देख रही है।
नीरव के वकीलों ने मानसिक बीमार होने के दावे किए
भारतीय एजेंसियों की ओर से क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) मामले की पैरवी कर रहा है, जबकि नीरव मोदी की ओर से उसके वकीलों की टीम ने प्रत्यर्पण के खिलाफ तर्क दिए हैं। सीपीएस की बैरिस्टर हेलन मैल्कम ने कहा था कि मामला बिल्कुल स्पष्ट है। नीरव ने तीन भागीदारों वाली अपनी कंपनी के जरिये अरबों रुपये का बैंक घोटाला किया। जबकि बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि मामला विवादित है। नीरव मोदी पर गलत आरोप लगाए गए हैं। प्रत्यर्पण से बचाव के लिए नीरव के वकीलों ने हीरा कारोबारी के मानसिक बीमार होने और मुंबई की जेल में सामान्य सुविधाएं न होने के दावे किए हैं।