वर्ष 1971 में जब यूएई की पहली कैबिनेट का गठन हुआ तो शेख हमदान को वित्त मंत्री बनाया गया था। उन्होंने अपने निधन तक इस पद को संभाला है। इस पद पर रहते हुए हमदान ने विदेशों से बड़ी मात्रा में निवेश को देश की ओर आकर्षित किया।
दुबई, एजेंसी। यूएई के वित्त मंत्री और दुबई के उप शासक शेख हमदान राशिद अल मकतूम (Hamdan Bin Rashid Al Maktoum) का निधन हो गया है। वह 75 वर्ष के थे। उनके भाई और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन राशिद ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। हमदान अपने भाई के अधिन दुबई के डिप्टी शासक के रूप में कार्य करते थे। अमीराती अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पिछले कुछ महीनों से शेख हमदान की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। वह लंबे अर्से से बीमार भी चल रहे थे। इसके चलते वह एक सर्जरी के लिए विदेश भी गए थे। उस वक्त उनके भाई शेख मोहम्मद ने उनकी सलामती के लिए दुआ करते हुए एक ट्वीट किया था।
कोरोना के कारण अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्य ही शामिल
उधर, दुबई सरकार की मीडिया ने जानकारी दी है कि हमदान के अंतिम संस्कार में केवल परिवार के लोग ही शामिल होंगे। सरकारी मीडिया में कहा गया है कि ऐसा कोरोना महामारी के मद्देनजर किया जा रहा है। साथ ही तीन दिनों का शोक रहेगा। इसके चलते सरकारी कार्यालय तीन दिनों तक बंद रहेंगे। आबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने शेख हमदान के निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि आज हमने यूएई के सबसे वफादार लोगों में से एक को खो दिया है, जिसने जीवनभर अपनी देशभक्ति को दिखाया।
हमदान 1971 से यूएई के वित्त मंत्री रहे
शेख हमदान का जन्म 25 दिसंबर,1949 को हुआ था। वह दिवंगत शेख राशिद बिन सईद अल मकतूम के बेटे थे। वर्ष 1971 में जब यूएई की पहली कैबिनेट का गठन हुआ तो शेख हमदान को वित्त मंत्री बनाया गया था। उन्होंने अपने निधन तक इस पद को संभाला है। इस पद पर रहते हुए हमदान ने विदेशों से बड़ी मात्रा में निवेश को देश की ओर आकर्षित किया। देश के तेल संपदा का कुशल प्रबंधन किया। उन्होंनं दुबई को क्षेत्रीय वित्तीय हब के रूप में तब्दील किया। यह उनका एक बड़ा योगदान था। हमदान ने अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) के कोष के लिए अमीराती प्रतिनिधियों का नेतृत्व किया।
घुड़सवारी के शौकिन थे शेख
शेख हमदान ने दुबई पोर्ट्स अथॉरिटी, दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और दुबई नेचुरल गैस कंपनी जैसे कंपनियों के संगठन का संभाला। इन सबके बदौलत ही दुबई का इतना विकास हो पाया है। अपने भाई की तरह वह यूएई से बाहर घोड़ों की दौड़ में एक बड़ा नाम थे। उन्हें घोड़े पालने का बहुत शौक था। वर्ष 1981 में शादवेल रेसिंग की स्थापना की।