राजधानी दिल्ली में पिछले 100 दिनों से जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का चेहरा आज बदलने वाला है. दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के में अब तक आपने महिलाओं को विभिन्न विरोध स्थलों पर प्रदर्शनकारियों के लिए खाना पकाते हुए देखा होगा पर आज वह इसका बागडोर अपने हाथ में लेती हुई दिखेंगी. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाएं न केवल किसान आंदोलन की पूरी बागडोर संभालेंगी बल्कि नए ढंग से विरोध प्रदर्शन भी करेंगी.
दिल्ली में पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में अब अनूठा विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है. आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day) के मौके पर किसान महिलाएं न केवल किसान आंदोलन की पूरी बागडोर संभालेंगी बल्कि नए ढंग से विरोध प्रदर्शन भी करेंगी. दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध में बैठी महिलाओं की आज हुई बैठक में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मेहंदी लगाकर विरोध जताने का फैसला किया गया है. हालांकि यह कोई साधारण मेहंदी नहीं होगी.
किसान महिलाओं का कहना है कि यह इंकलाबी मेहंदी होगी. आंदोलन में शामिल महिलाएं अपने हाथों पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे नारे इंकलाबी नारे रचवाएंगी.वहीं इस मौके पर योगेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्ता किसान मोर्चा ने हमेशा आंदोलन के दौरान महिला किसानों की शक्ति को महत्व दिया है. महिलाएं सभी स्थलों पर विरोध प्रदर्शन करेंगी – चाहे वे टोल बैरियर हों या स्थायी विरोध स्थल. यह उनका दिन है.
किसान यूनियनों ने दावा किया है कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की लगभग 40,000 महिलाएं दिल्ली विरोध स्थलों पर एकत्रित होंगी, जिनमें सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाएँ शामिल हैं. किसान मोर्चा ने यह भी बताया कि आज किसान महिलाओं को मंच पर बुलाकर सम्मानित भी किया जाएगा और किसान आंदोलन के अलावा खेत और खलिहान के लिए उनके कार्य को प्रोत्साहित भी किया जाएगा.