इसरो : 2021 के पहले अंतरिक्ष मिशन का काउंटडाउन जारी, कल सुबह होगी लॉन्चिंग

कोरोना महामारी के बाद 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पहले अंतरिक्ष कार्यक्रम का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस से PSLV-C51/Amazonia-1 mission का काउंटडाउन आज सुबह 08:54 पर शुरू कर दिया गया। इसरो के इस मिशन को कल सुबह लॉन्च किया जाएगा। इसकी जानकारी इसरो ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी।

– इसरो ने बताया है कि काउंटडाउन के तहत PSLVC51 के चौथे चरण (PS4) के लिए ईंधन भरना पूरा हो गया है।

इसरो का 53वां पीएसएलवी मिशन

पीएसएलवी-सी51(PSLV-C51) रॉकेट पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल) का 53वां मिशन होगा। इसके जरिए ब्राजील के Amazonia-1 को लांच किया जाएगा। Amazonia-1 प्राइमरी सैटेलाइट है और इसके साथ 18 अन्य सैटेलाइट्स को भी चेन्नई से करीब 100 किमी दूर श्रीहरिकोटा से लांच किया जाएगा। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इसे कल 28 फरवरी की सुबह 10:24 पर लांच किया जाएगा। हालांकि, इस दौरान मौसम की भूमिका सबसे अहम होगी। लॉन्चिंग मौसम की तत्कालीन परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

अंतरिक्ष में भेजी जा रही पीएम मोदी की तस्वीर

पीएसएलवी-सी51(PSLV-C51) रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किए जाने वाले ब्राजील के Amazonia-1 में Amazonia-1 प्राइमरी सैटेलाइट है और इसके साथ 18 अन्य सैटेलाइट्स भी हैं। इसमें से एक नैनोसैटेलाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और नाम भी अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है।

सैटेलाइट क्या करेगा ?

Amazonia-1 सैटेलाइट ब्राजील का पहला ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। ये अमेजन के जंगलों में कम हो रहे पेड़ों और अन्य बदलावों पर नजर रखने के हिसाब से डिजाइन किया गया है।

पीएसएलवी-सी51 के प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास पूरा

इससे पहले इसरो ने कल पीएसएलवी-सी 51 मिशन के प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास पूरा कर लिया था। भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप पिक्सल ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि सॉफ्टवेयर संबंधी कुछ कारणों के चलते उसका पहला उपग्रह आनंद पीएसएलवी-सी51 रॉकेट के साथ प्रक्षेपित नहीं होगा। इसरो ने भी पुष्टि की कि उसका नैनो सेटेलाइट आइएनएस-2डीटी भी इस मिशन का हिस्सा नहीं होगा।

नई पीढ़ी के छोटे रॉकेट को पहली उड़ान पर भेजने की तैयारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नई पीढ़ी के अपने छोटे रॉकेट का जल्द ही इस्तेमाल भी शुरू करेगा, लेकिन इससे पहले संगठन इन्हें कक्षीय प्रायोगिक उड़ान पर भेजने की तैयारी कर रहा है। संगठन ने छोटे उपग्रहों के नए वैश्विक प्रक्षेपण बाजार को देखते हुए छोटे लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) का बनाना शुरू किया था।

सूत्रों ने कहा है कि एसएसएलवी-डी1 को मार्च के अंत में या अप्रैल के शुरू में प्रक्षेपित किया जा सकता है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि एसएसएलवी छोटे उपग्रहों की बढ़ती मांग को देखते हुए विकसित किया गया है। उन्होंने पूर्व में कहा था कि एसएसएलवी के कलपुर्जो को महज 72 घंटे में जोड़ा जा सकता है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष जी. नारायण ने कहा कि विश्व में छोटे प्रक्षेपण यानों की मांग में वृद्धि हुई है। इसीलिए, इस पर ध्यान केंद्रित किया गया है।