जिले में बुधवार को हुई घटना को लेकर शुक्रवार को पुलिस के सामने एक नया तथ्य आया। दरअसल, दोनों बुआ-भतीजी के अंतिम संस्कार के बाद जब पुलिसकर्मी आपस में बातचीत कर रहे थे तो उन्हें तीनों किशोरियों द्वारा एक दुकान से चिप्स खरीदने की बात पता चली। घटना को लेकर पहला सुराग हाथ लगते ही पुलिस ने तत्परता दिखाई। गहनता से छानबीन के बाद पुलिस उस दुकान पर पहुंची जहां पर तीनों किशोरियों ने चिप्स खरीदा था। मामले की जानकारी फॉरेंसिक टीम को दी गई। काफी देर के बाद वह दुकान मिली। चूंकि कानपुर में भर्ती किशोरी को जहरीला पदार्थ खिलाए जाने की बात पहले ही सामने आ चुकी थी इसलिए पुलिस ने इस सुराग को आधार बनाया। हालांकि इस विषय में जब चिप्स विक्रेता से बातचीत की गई तो घटना के विषय में उसने अपनी बात रखी।
दुकानदार का ये है कहना
पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर चिप्स विक्रेता ने बताया कि, तीनों लड़कियां आईं थीं और उन्हाेंने चिप्स के तीन पैकेट खरीदे थे। लेकिन उनके बाद भी मैंने कई ग्राहकों को वही चिप्स बेचे। यहां तक कि घटना के बारे में पता चलने के बाद मैं जाने लगा तो यहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने भी कुल सात-आठ पैकेट चिप्स के खरीदे थे।
सपा विधायक का धरना
शुक्रवार को प्रशासन ने रणनीति के तहत शांति पूर्ण ढंग से किशोरियों के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में सुरक्षा का पहरा बढ़ाकर हर किसी के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। यह बात सपा नेताओं को नागवार लगी। सूचना पर एएसपी विनोद पांडेय मौके पर पहुंच गए और समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। इसी बीच पूर्व विधायक उदयराज यादव भी आ गए और कहा कि सपा कार्यकर्ताओं को गांव नहीं जाने दिया गया। वहीं मृतक परिवारों को अंतिम संस्कार से पूर्व आर्थिक सहायता की चेक देनी चाहिए जो अभी तक नहीं दी गयी। सरकार मनमानी कर रही है। इसके बाद मांगों और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को ज्यादती बताते हुए पूर्व विधायक उदय राज यादव ने केउना गांव में धरने पर बैठ गए। इसी बीच पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले भी धरना स्थल पर पहुंच गई। काफी हो हल्ला के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने बहराइच की पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले को ही गांव में प्रवेश की अनुमति दे दी है। जिसके बाद वे गांव में पीड़ित परिवार से मिलने गईं।
कपड़ों और घटनास्थल से मिले झाग से होगा स्वैब का मिलान
पोस्टमार्टम में दिवंगत किशोरियों के मुंह और कपड़ों पर जो झाग मिला है उसके भी स्वैब सैंपल लिए गए हैं। जिनका मिलान भी विधि विज्ञान प्रयोगशाला से कराया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि पोस्टमार्टम के दौरान लिए सैंपल और विसरा के केमिकल एनालिसिस से ही जहर की पुष्टि होगी।