गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव, राजनीति में दंगल बन उभरा परिवार का विवाद

गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं 21 फरवरी को अहमदाबाद सूरत वडोदरा राजकोट जामनगर तथा भावनगर महानगर पालिका के लिए मतदान होगा जबकि आगामी 28 फरवरी को 31 जिला पंचायत 231 तहसील पंचायत तथा 81 नगरपालिका के लिए मतदान होगा। गुजरात के सूरत में पति पत्नी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने पत्नी को वार्ड 15 से टिकट दिया तो पति कांग्रेस से टिकट लेकर उसके खिलाफ मैदान में हैं। पति- पत्नी कुछ समय से अलग रह रहे हैं, घर में शुरू हुआ टकराव अब राजनीति के दंगल तक पहुंच गया है।

सूरत महानगरपालिका के वार्ड 15 से 28 वर्षीय मनीषा आहीर को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। उसके पति 32 वर्षीय महेश आहिर ने कोरोना महामारी के बाद लगे लोकडाउन में अपनी नौकरी खो दी थी तथा मार्केटिंग सर्वे का बिजनेस शुरू किया। महेश सूरत में बतौर शिक्षक अपना कार्य करते थे लेकिन नौकरी जाने के बाद वे अपना बिजनेस करने लगे तथा कांग्रेस पार्टी के भी सदस्य बन गए। हालांकि इस दौरान उनके चुनाव लड़ने का कोई मन नहीं था लेकिन जब उनकी पत्रकार पत्नी मनीषा अहीर को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया तो पहले महेश उसके चुनाव प्रचार करने का फैसला किया लेकिन जब मनीषा और उसके परिवार वालों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई तो महेश उसी वार्ड से अपनी पत्नी के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार बन कर खड़े हो गये।

मनीषा अहीर का कहना है कि महेश से करीब 7 साल पहले विवाह हुआ था तथा उनके बीच तकरार रहने लगा महेश उसे घर में भी खुश नहीं रख पा रहा था तथा उसके साथ झगड़े करता था। अब चुनाव में उसके खिलाफ खड़े होकर भी उसका विरोध कर रहा है जो मेरी समझ से परे है। इस दंपत्ति को एक 5 साल का पुत्र भी है तथा इनकी शादी पारंपरिक रीति रिवाज से ही संपन्न हुई थी। परिवार का दंगल अब चुनावी मैदान पर भी उतर आया है तथा सूरत के वार्ड 15 का चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया है।

कांग्रेस की जीत हो या भाजपा की लेकिन जीत और हार खुशी और गम अहीर परिवार में ही रहेगा साथ ही वार्ड 15 के जनप्रतिनिधि बनने का सौभाग्य भी इसी परिवार को मिलने की संभावना है। उधर सौराष्ट्र के बोटाद में शहर भाजपा अध्यक्ष अतुल पटेल की पत्नी रोनक बेन को भाजपा ने हैं अपना उम्मीदवार बनाया तो अतुल ने पार्टी को ही टिकट वापस लौटा दिया। दरअसल यहां से अतुल चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उनकी पत्नी को मैदान में उतार दिया जिससे नाराज अतुल ने पार्टी को टिकट वापस लौटा दिया।