कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अमेरिका में स्थित शेल गैस परिसंपत्ति में अपनी हिस्सेदारी बेच दी है। यह हिस्सेदारी नॉर्दर्न ऑयल एंड गैस इंक को 25 करोड़ डॉलर में बेची गई है। इस संबंध में दोनों कंपनियों के बीच तीन फरवरी 2021 को एक खरीद और बिक्री समझौता (पीएसए) हुआ।
कंपनी के बयान के मुताबिक, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस मार्सेलस, एलएलसी (आरएमएलएलसी) ने शेल प्ले में अपनी परिसंपत्तियों को बेचने के लिए समझौता किया है।’’ कंपनी ने कहा कि इन परिसंपत्तियों को नॉर्दर्न ऑयल एंड गैस इंक को 25 करोड़ डॉलर नकद और वारंट के बदले बेचा गया है। रिलायंस ने 2010 और 2013 के बीच शेल गैस परिसंपत्तियों में निवेश किया था। मिडस्ट्रीम का मतलब हाइड्रोकार्बन के प्रोसेसिंग, भंडारण, परिवहन और मार्केटिग से है।
जून 2015 में कंपनी ने अपने ईगल फोर्ड (ईएफएस) मिडस्ट्रीम ज्वाइंट वेंचर को पायनियर नेचुरल रिसोर्सेज के साथ 1 बिलियन डॉलर में बेच दिया। आरआईएल ने ईएफएस में 49.9 फीसद हिस्सेदारी के लिए 4.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे और USD 208 मिलियन का निवेश किया था। जून 2010 में रिलायंस ने यूएस शेल गैस व्यवसाय में निवेश किया था, जहां ईगल फोर्ड शेल गैस क्षेत्रों में 45 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। शेवरॉन अपस्ट्रीम नॉर्थईस्ट की दूसरी जेवी में 60 फीसद हिस्सेदारी है, जिसमें आरआईएल की हिस्सेदारी 40 फीसद है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से पहले रिलायंस ने 2014 तक शेल गैस पर काम किया था। एनएसई पर रिलायंस का शेयर करीब 8 अंक की कमजोरी के साथ 1920 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है।
उधर, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक अपील दायर की है। फ्यूचर रिटेल के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये की डील को लेकर यथास्थिति बनाए रखने के एक आदेश के खिलाफ यह अपील है। दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी Amazon इस डील के विरोध में है।