झारखंड में कृषकों की ऋण माफी से संबंधित सरकार की घोषणा के पहले चरण में 50 हजार रुपये तक कर्ज लेने वाले किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए धनराशि का भी प्रबंध कर लिया गया है।
One Year of Hemant Government अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में शामिल रहे लोगों के परिजनों को राज्य सरकार नौकरियों की सौगात दे सकती है। 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन देने की भी योजना है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी घोषणापत्र का भी यह अहम हिस्सा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसके लिए कानून बनाकर आंदोलन के शहीदों और परिजनों को योजना का लाभ देने का वादा किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व में कई आंदोलनकारियों से मुलाकात के दौरान उन्हें और उनके परिजनों को तत्काल राहत पहुंचा चुके हैं। कुछ आंदोलनकारियों के परिजनों की बहालियां भी पूर्व में की गई हैं।
बिहार से अलग होने के लिए चले लंबे आंदोलन में झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी आंदोलन की अलख जगाई और पूरी सक्रियता से इसमें भाग लिया। आंदोलन में क्रम में कई सक्रिय कार्यकर्ताओं के पारिवारिक जीवन के साथ-साथ उनके परिजनों पर भी नकारात्मक असर पड़ा। सरकार अब उनके त्याग और संघर्ष को इस माध्यम से सम्मान देना चाहती है।
आयोग के पास हैं आवेदन
आंदोलनकारियों को चिन्हित करने के लिए राज्य सरकार ने 2012 में झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग का गठन किया था। इस कमेटी के पास छह हजार से अधिक आवेदन आए हैं। रिटायर जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद इस कमेटी के प्रमुख थे। अवधि विस्तार नहीं होने के कारण चिन्हितीकरण आयोग का कार्य पूरा नहीं हो सका। अब आयोग को भी फिर से गठित करने की तैयारी है ताकि आंदोलन में शामिल रहे लोगों को चिन्हित कर उन्हें और उनके परिजनों को योजना का लाभ दिया जा सके। झारखंड आंदोलन के दौरान विभिन्न स्तर पर शामिल रहे लोगों का वर्गीकरण भी किया जाएगा। आंदोलन के दौरान शहादत देने वालों, जेल की अलग-अलग अवधि तक सजा काटने वालों की कैटेगरी तय कर उसी मुताबिक उन्हें योजनाओं का लाभ देने की तैयारी है।
कृषकों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ होंगे
झारखंड में कृषकों की ऋण माफी से संबंधित सरकार की घोषणा को अब अमलीजामा पहनाने की तैयारी पूरी होती दिख रही है। राज्य सरकार ने पहले चरण में 50 हजार रुपये तक कर्ज लेने वाले किसानों का ऋण माफ करने का निर्णय लिया है और इसके लिए धनराशि का भी प्रबंध कर लिया गया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डा. राजेश गुप्ता छोटू ने प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में कृषि मंत्री द्वारा एक और कदम बढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत किया। प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि कृषिमंत्री बादल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित गठबंधन सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर 29 दिसंबर को किसानों को 50 हजार रुपये तक की कर्जमाफी का तोहफा दिलाने का भरोसा दिलाया है।
प्रदेश कांग्रेस ने कृषि मंत्री के हवाले से यह जानकारी दी है कि कृषि मंत्री बादल ने कर्जमाफी को लेकर शुक्रवार को रांची में झारखंड मंत्रालय में विकास आयुक्त, वित्त विभाग के प्रधान सचिव, कृषि विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। कृषि मंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के पहले कई सपने बुने गए थे, लेकिन महामारी के कारण परिस्थितियां बदली हैं।
केंद्र सरकार की ओर से भी इस दौरान कोई विशेष सहायता नहीं ही मिल पायी, उल्टे जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि देने में भी आनाकानी की जा रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों के बल पर किसानों की कर्जमाफी को लेकर बजट में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने कृषि निर्यात नीति को मूर्त रूप देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा जल्द ही मुख्यमंत्री पशुधन योजना की भी शुरुआत की जाएगी।