NRI स्कूल ऑफ MAAS कम्युनिकेशन के डायरेक्टर एवं एक्टर नलिन रंजन सिंह का कहना है कि एक्टिंग की दुनिया की चकाचौंध हर किसी को आकर्षित करती है। लेकिन टिक वही पाता है जिसके अंदर जुनून होता है। आगे बढ़ने में काम आता है एक सही संस्थान से लिया हुआ प्रशिक्षण।
अगर आप में टैलेंट है तो आप एक्टिंग के क्षेत्र में भी बेहतर करियर बना सकते हैं। एक जमाना था जब केवल फिल्मों में ही एक्टिंग का मौका मिलता था। या फिर थियेटर में लोगों को थोड़ा काम मिल जाता था। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। एक प्रशिक्षित व्यक्ति एक्टिंग के खेत्र में ज्यादा सफल हो सकता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन प्राइम, एमएक्स प्लेयर, हॉट स्टार, सोनी लिव जैसे खुले प्लेटफॉर्म ने लोगों को मनोरंजन का नया विकल्प मुहैया कराया है। इसी के साथ एक्टिंग के क्षेत्र में कलाकारों के साथ इस फील्ड के दूसरे स्किल्स के जानकारों के लिए बेहतरीन मौके सामने आए हैं।
एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन के डायरेक्टर एवं एक्टर नलिन रंजन सिंह का कहना है कि एक्टिंग की दुनिया की चकाचौंध हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन यहां टिक वही पाता है जिसके अंदर कुछ करने का जुनून होता है। इस सब के साथ इस फील्ड में आगे बढ़ने में बहुत हद तक काम आता है एक सही संस्थान से लिया हुआ प्रशिक्षण। जो कि एक्टिंग की बारीकियों के बारे में लोगों को बताता है। आज अभिनय के क्षेत्र में पैसा, ग्लैमर, और प्रसिद्धि सब कुछ है। आज के समय में टीवी एवं फिल्म इंडस्ट्री भारत की सबसे तेज ग्रोथ वाली इंडस्ट्री मानी जाती है। इसमें कॅरियर बनाने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। आपके लिए यह जान लेना भी जरूरी है कि एक्टिंग के लिए डिप्लोमा और डिग्री कोर्स होते हैं। यह कोर्स कई सरकारी और निजी संस्थान कराते हैं।
कोर्स और शैक्षिक योग्यताः पीजी डिप्लोमा इन एक्टिंग का दो साल का कोर्स, डिप्लोमा इन एक्टिंग का तीन साल का कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमा का तीन साल का कोर्स और फास्ट ट्रैक एक्टिंग कोर्स जो कि 6 महीने का कराया जाता है। 12वीं की पढ़ाई के बाद एक्टिंग के फील्ड में करियर बनाया जा सकता है। सर्टिफिकेट कोर्स इन एक्टिंग से 6 माह, डिप्लोमा इन परफार्मिंग आट्र्स, बैचलर इन परफार्मिंग जैसे कोर्स भी किये जा सकते हैं। हालांकि बहुत से इंस्टीट्यूट 10 वीं के बाद भी एक्टिंग कोर्स कराते हैं। ग्रेजुएशन के बाद पीजी डिप्लोमा इन एक्टिंग, पीजी सर्टिफिकेट कोर्स इन एक्टिंग के बाद भी इस क्षेत्र में कैरियर के द्वार खुल जाते हैं। नामी और फेमस इंस्टिट्यूट में एक्टिंग कोर्स की फीस 3 से 6 माह के सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स के लिए 50 हजार से 1 लाख रूपये के आस पास तक होती है। इस मामले में सरकारी संस्थानों में काफी कम फीस ली जाती है।
कहां हैं मौके?
तकनीकी विकास ने एक्टिंग यानी कि मनोरंजन की दुनिया को खुले आसमान के नीचे खड़ा कर दिया है। मनोरंजन का फील्ड अब केवल फिल्मों या नाटकों तक सीमित नहीं रह गया है। अब शॉर्ट फिल्मस, विज्ञापन, क्राइम प्रोग्राम के साथ ही स्थानीय भाषाओं में भी कई तरह की कहानियों को यूट्यूब के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
कहां से करें कोर्सः
आजकल बहुत से इंस्टीट्यूट एक्टिंग में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करा रहे हैं। किसी भी इंस्टिट्यूट में एक्टिंग कोर्स में एडमिशन लेने से पहले उस संस्थान के बारे में अच्छी जानकारी ले लेनी चाहिए। एक्टिंग कोर्स की अच्छे और नामी संस्थान से ही करें, वरना बाद में पछतावा हो सकता है। निम्न संस्थानों से भी एक्टिंग में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स किये जा सकते हैंः-
1. एनआरएआई स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन http://www.nraismc.com/
2. फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे https://www.ftii.ac.in/
3. सत्यजीत रे फिल्म इंस्टीट्यूट, कोलकाता http://srfti.ac.in/