पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग के बाद बीजेपी और सत्तारूढ़ टीएमसी के बीच आरोप-प्रत्यारोप में तल्खी बढ़ गई है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली के दौराना दावा किया था कि ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट हार रही हैं। इसके बाद टीएमसी ने पलटवार किया है। तृणमूल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट ने कयासों को भी तेज कर दिया है कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 में वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देंगी।
टीएमसी ने गुरुवार देर रात ट्वीट किया, “दीदी नंदीग्राम जीत रही हैं। दूसरी सीट से चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता। नरेंद्र मोदी जी, पश्चिम बंगाल में नॉमिनेशन का अंत हो चुका है। अपने झूठ से लोगों को गुमराह करने की कोशिश नहीं करें। 2024 में सुरक्षित सीट की तलाश करें, क्योंकि आपको वाराणसी में चुनौती दी जाएगी।”
Didi is winning Nandigram. The question of her fighting from another seat doesn't arise. @narendramodi Ji, retract from your efforts to mislead people before they see your lies with the end of nomination in WB. Look for a safer seat in 2024, as you will be challenged in Varanasi.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) April 1, 2021
टीएमसी का यह बयान तब आया, जब पीएम मोदी ने गुरुवार दोपहर पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अफवाहें उड़ रही थीं कि ममता बनर्जी अंतिम चरण में किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ सकती हैं, जिसके लिए नामांकन दाखिल करने के लिए अभी भी समय है।
पीएम मोदी ने जयनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “दीदी, क्या इस अफवाह में कोई सच्चाई है कि आप दूसरे निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हैं? पहले आप नंदीग्राम गए और लोगों ने आपको जवाब दिया। यदि आप कहीं और जाते हैं, तो बंगाल के लोग आपको जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
आपको बता दें कि नंदीग्राम बंगाल की सबसे हाई-प्रोफाइल सीट बन चुकी है। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हाल ही में टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी के बीच जबरदस्त मुकाबला है। टीएमसी के प्रवक्ता तपस रॉय ने कहा, “2024 के चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। मोदी को वाराणसी में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ममता बनर्जी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी या नहीं, यह फैसला पार्टी और पार्टी सुप्रीमोका होगा।”