प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आज विधानमंडल के बजट सत्र में अपना बजट 2021-22 पेश करेगी। सदन में बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से पहले कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बजट 2021-22 को मंजूरी दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही वित्त मंत्री सुरेश खन्ना तथा अन्य मंत्री विधान भवन रवाना हो गए। विधानमंडल के बजट सत्र में आज उत्तर प्रदेश का बजट पेश किया जाएगा। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना दिन में करीब 11 बजे पेपरलेस बजट पेश करेंगे। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ मीडिया से दिन में करीब एक बजे वार्ता करेंगे। विधानमंडल का बजट सत्र दस मार्च तक चलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का बजट पेश करने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर कैबिनेट बैठक में जाने से पहले वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने घर में पूजा की। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पाठ किया। वित्त मंत्री ने बजट बैग लेकर पूजा की।इस दौरान उनके हाथ में बजट बैग के साथ आइपैड भी था। उन्होंने कहा कि इस बार भी बजट में सबका साथ सबका विकास पर फोकस है। योगी आदित्यनाथ सरकार हर वर्ग के हित का ख्याल रखती है। खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि बजट का लाभ उत्तर प्रदेश के सभी 33 करोड़ लोगों को मिले।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कोविड-19 महामारी का दबाव झेल रही अर्थव्यवस्था और लंबे किसान आंदोलन की गूंज के बीच बजट तैयार किया है। इसके अलावा युवाओं को लैपटाप व किसानों को ब्याजमुक्त फसली ऋण जैसे बड़े बजट खर्च वाले कई चुनावी वादे अभी अधूरे हैं। किसान और युवा इसके पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव में सर्वाधिक अहम भूमिका निभाने वाले इस वर्ग की उम्मीदों को सरकार किसी न किसी रूप में पंख लगा सकती है।
इस बार बजट देखने के लिए सभी विधायक व विधान परिषद सदस्यों को आईपैड प्रदान किया गया है। इसके साथ ही विधान भवन में बड़ी सक्रीन लगाई गई है, जिसपर सदस्य बजट की झलकियां देख सकेंगे। प्रदेश सरकार का बजट सत्र 18 फरवरी को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। जिसमें दोनों सदन के सदस्य मौजूद थे।
विधायक निधि बहाल होने की उम्मीद: उत्तर प्रदेश की के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के इस बजट में चुनावी वर्ष में विधायक निधि बहाल होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सदन मे विधायक निधि को सिद्धांतिक सहमति मिलेगी। इस बार करीब तीन करोड़ रुपए विधायक निधि देने का प्रस्ताव है। ग्राम्य विकास विभाग ने सरकार प्रस्ताव को दिया है। इसी बजट में विधायक निधि बहाल होने की उम्मीद है। विधायक निधि को कोरोना काल में स्थगित कर दिया गया था। विधायक निधि और विधायकों के वेतन भत्तों में की गई 30 फीसद कटौती को सरकार बहाल कर सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार का यह पहला पेपर लेस बजट है।
मोबाइल एप पर भी बजट: यूपी सरकार का यह बजट एप पर भी उपलब्ध होगा। योगी सरकार का वर्ष 2021-22 का बजट मोबाइल एप पर भी देखा जा सकेगा। सरकार ने इसके लिए ‘उप्र सरकार का बजटÓ एप तैयार कराया है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट : योगी आदित्यनाथ सरकार सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सुबह 11 बजे विधानसभा में तो विधान परिषद में नेता सदन डा. दिनेश शर्मा बजट प्रस्तुत करेंगे। सरकार का यह पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट होगा। सूबे के इतिहास में पहला कागज रहित बजट भी होगा।
चुनाव के लिए जमीन पुख्ता करने का प्रयास: प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियों के बीच पेश किए जाने वाले इस बजट में सरकार अगले वर्ष के विधानसभा चुनाव के लिए भी पुख्ता जमीन तैयार करने की कोशिश करेगी। लिहाजा नए बजट में युवाओं, किसानों, श्रमिकों और महिलाओं को साधने के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को भी तेज गति देने की कोशिश होगी। कोरोना आपदा के मद्देनजर स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी के लिए खजाना खोला जा सकता है। बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसे पेश करने से पहले सोमवार को सुबह कैबिनेट की मंजूरी दिलाई जाएगी।
बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने पर जोर : इस बजट में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के लिए सरकार धनवर्षा करेगी। ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र और अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भरपूर संसाधन जुटाने के साथ रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत मंडल मुख्यालयों को हवाई सेवा से जोडऩे की योजना के लिए भी बजट आवंटन होगा। कानपुर व आगरा में मेट्रो रेल परियोजना को आगे बढ़ाने के अलावा गोरखपुर और वाराणसी में मेट्रो लाइट सेवा के लिए सरकार बटुआ खोल सकती है। जिला मुख्यालयों को स्टेट हाइवे से जोडऩे और ग्रामीण सड़कों के लिए भी दरियादिली दिखाएगी।
युवाओं पर डोरे : युवा अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निश्शुल्क कोङ्क्षचग देने के लिए हाल ही में शुरू की गई अभ्युदय योजना के लिए बजट में भरपूर आवंटन हो सकता है। निगाहें इस पर भी लगी होंगी कि भाजपा के संकल्प पत्र में छात्रों को कॉलेजों में दाखिला लेने पर लैपटॉप देने की घोषणा को योगी आदित्यनाथ सरकार अपने आखिरी पूर्ण बजट में किस तरह साकार करती है। सभी जिलों में एक निश्चित संख्या में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण छात्रों को टैबलेट/लैपटाप के वितरण की व्यवस्था हो सकती है। युवाओं को लोन दिलाकर स्वरोजगार से जोडऩे के लिए नई योजना का एलान हो सकता है। राजकीय और सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के रखरखाव के लिए भी सरकार उदारता का परिचय दे सकती है। छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति योजना की घोषणा भी संभव है।
किसानों-मजदूरों पर भी निगाहें : अगले वित्तीय वर्ष में असंगठित क्षेत्र के एक करोड़ मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देने का इरादा है। इन्हें मुख्यमंत्री दुर्घटना योजना का लाभ देने की घोषणा हो सकती है। इस योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी दिव्यांंगता होने पर दो लाख रुपये की बीमा राशि दी जाएगी। मंडी परिसरों में सुविधाएं बढ़ाने और उनके सुदृढ़ीकरण के लिए भी मोटी रकम दी जा सकती है। भाजपा के संकल्प पत्र में किसानों को ब्याजमुक्त फसली ऋण दिलाने के एलान पर सरकार अमल करती है या नहीं, इस पर भी नजरें होंगी। पंचायत चुनाव कराने के लिए भी सरकार बजट आवंटन करेगी।
महिलाओं का भी ख्याल : तीन तलाक पीडि़ताओं और हिंदू परित्यक्त महिलाओं को सालाना छह हजार रुपये देने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा को सरकार बजट के जरिये अमली जामा पहना सकती है।
कर्मचारियों को मिल सकती राहत : कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी के कारण जनवरी 2020 से फ्रीज किए गए सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों की महंगाई राहत को जुलाई से बहाल करने का इंतजाम भी बजट में हो सकता है।