कोरोना महामारी के बढ़ते मरीजों के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भेापाल में डेंगू मलेरिया का खतरा मंडराने लगा है। भोपाल और इंदौर में इनदिनों कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस कारण भोपाल में बढ़ते खतरे को देखते हुए रैपिड टेस्टिंग की जा रही है।
कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मरीजों के बीच अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ने लगा है। इस वजह से राज्य की राजधानी में विभिन्न क्षेत्रों में चेक-अप अभियान चलाए जा रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों, अतिरिक्त संवेदनशील क्षेत्रों, स्लम क्षेत्रों और अन्य बस्तियों में डेंगू के लार्वा, मलेरिया बढ़ने और कोरोना वायरस के तेजी से फैलने की संभावना है। इसलिए, व्यापक स्तर पर भोपाल में अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत तेजी से परीक्षण और ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में टीमों की नियुक्ति कर मलेरिया की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जा रहा है। रैपिड टेस्टिंग के माध्यम से भोपाल में मलेरिया के लिए अब तक लगभग 799 लोगों का परीक्षण किया गया है। बच्चों को मलेरिया से संक्रमित होने का सबसे अधिक खतरा है। इसलिए, जिला मलेरिया अधिकारी ने लोगों को बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने और मच्छरदानी का उपयोग करने का सुझाव दिया है।
लोग नीम के पत्तों को भी सुलगा सकते हैं। अगर किसी को घर पर बुखार है, तो जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में उसका परीक्षण करवाएं। डेंगू के लार्वा की जांच के लिए शहर में कुल 29 टीमों का गठन किया गया है। टीमों ने अब तक 1,015 घरों का सर्वेक्षण किया है जिनमें से 20 लार्वा के साथ पाए गए हैं। विभिन्न स्थानों पर लगभग 8,000 बर्तनों की भी जाँच की गई है और उनमें से 20 में डेंगू के लार्वा पाए गए हैं। टेंपहोस के छिड़काव से डेंगू के लार्वा नष्ट हो गए।