गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनावों की तैयारी जोरों पर है। सभी पार्टियां अपना पूरा दमख़म झोंकने के लिए कमर कस कर तैयार हो चुकी है। बता दें कि, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा राजकोट, जामनगर तथा भावनगर महानगर पालिका के लिए 21 फरवरी को मतदान होगा। जबकि 31 जिला पंचायत, 231 तहसील पंचायत तथा 81 नगरपालिका के लिए 28 फरवरी को मतदान होगा।
इस बार सूरत शहर का चुनाव दिलचस्प होने वाला है क्योंकि यहाँ चुनावी मैदान में पति-पत्नी अलग-अलग पार्टियों से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। पत्नी भाजपा से तो वहीं पति कांग्रेस पार्टी से टिकट लेकर मैदान में हैं। बताया जा रहा कि, कुछ पारिवारिक कारणों के चलते यह दोनों प्रत्याशी अलग रह रहे हैं, अब घर का टकराव चुनावी प्रतिष्ठा में तब्दील हो चुका है।
प्रदेश में सूरत महानगरपालिका में स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए 21 फरवरी को मतदान होना है। जानकारी के अनुसार, भाजपा ने सूरत के वार्ड 15 से मनीषा आहीर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है तो वहीं, उनके पति महेश कांग्रेस से टिकट लेकर चुनाव मैदान में हैं। बताया जा रहा है कि, महेश कुछ दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने हैं, इससे पहले वह शिक्षक थे। कोरोना में नौकरी गंवाने के बाद वह अपना बिजनेस करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, महेश चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन जब उनकी पत्रकार पत्नी मनीषा को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया तो पहले महेश ने उनके लिए चुनाव प्रचार करने का फैसला किया लेकिन जब मनीषा और उसके परिवार वालों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई तो महेश ने उसी वार्ड से अपनी पत्नी के खिलाफ पर्चा भर दिया और कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार बन गए।
चुनावी मैदान में अपने खिलाफ खड़े हुए पति पर मनीषा का कहना है कि, उनकी शादी करीब सात साल पहले महेश से हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही घर में झगड़ा शुरू हो गया इसके बाद वह अलग रहने लगी। मनीषा ने बताया कि उनका एक पांच साल का बेटा भी है, लेकिन उन्हें अभी भी समझ नही आ रहा है कि, पति महेश उनके खिलाफ चुनाव क्यों लड़ रहे हैं।