संसद भवन में नए संसद भवन के निर्माण के लिए यहां लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को बुधवार को शिफ्ट कर दिया गया। अभी तक ये मूर्ति संसद परिसर में गेट नंबर एक के पास लगी हुई थी। इसे अब यहां से हटाकर गेट नंबर 3 के पास शिफ्ट कर दिया गया है।
दरअसल मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त में 15 जनवरी के बाद से नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग ने टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड से 15 जनवरी से नई संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू करने को कहा था। नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुक्रवार से शुरू हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग एक महीने पहले 10 दिसंबर को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा और इसके निर्माण को 2022 में आजादी के 75 वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा। सरकार ने 2022 में संसद के मानसून सत्र को नए भवन में आयोजित करने की योजना बनाई है।
लोकनिर्माण विभाग का टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को काम शुरू करने का निर्देश
सूत्रों का कहना है कि टाटा प्रोजेक्ट्स ने अपने साजोसामान को निर्माणस्थल पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया था ताकि केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को जल्द शुरू किया जा सके। विगत सोमवार को ही नए संसद भवन के निर्माण के लिए 14 सदस्यीय विरासत संरक्षण समिति ने अपनी मंजूरी दे दी थी। 971 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरा किया जाना है। इस पूरी परियोजना को पूरा करने के लिए केवल दस महीने का ही समय है।
योजना के मुताबिक, राजपथ के पुनर्विकास का काम इस साल गणतंत्र दिवस की परेड के तुरंत बाद शुरू हो जाएगा। 94 साल पहले महज 83 लाख रुपये में बने मौजूदा संसद भवन को संग्रहालय बनाया जाएगा और उसके ठीक सामने नया संसद भवन बनेगा। सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण के बाद यह देश की सत्ता का गलियारा बन जाएगा।
बता दें कि निर्माण कार्य पहले शुरू नहीं हो सका था, क्योंकि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं। कोर्ट ने 7 दिसंबर को नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखने की अनुमति दी थी, लेकिन साथ में फैसला आने तक निर्माण न करने का आदेश दिया था।
सरकार ने भी आश्वासन दिया था सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर लंबित याचिकओं का फैसला करने तक कोई निर्माण या विध्वंस कार्य शुरू नहीं होगा। कोर्ट ने पांच जनवरी को इस परियोजना को हरी झंड़ी दे दी थी और हेरिटेज कमिटी से मंजूरी लेने को कहा था। इस सप्ताह की शुरुआत में, 14-सदस्यीय हेरिटेज पैनल ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।