झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा का चेहरा और चरित्र उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दूबे जैसे जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अनर्गल आरोप लगाया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने बेनकाब हो गया है। उन्होंने भाजपा नेता और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर निशाना साधा। कहा, भाजपा के इन जनप्रतिनिधियों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ और व्यक्तिगत ईर्ष्या से राजनीति करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अनर्गल आरोप और चरित्र हनन का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।
सुप्रियो ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को भारतीय जनता पार्टी के इन नेताओं के चरित्र का आकलन करना चाहिए। एक युवती को डराना, धमकाना, बरगलाना और प्रलोभन देकर उसकी इज्जत से खेलना जघन्य अपराध है और समाज में कभी भी क्षम्य नहीं है। बाबूलाल मरांडी को याद रखना चाहिए कि झामुमो ने कभी भी उनका चरित्र हनन नहीं किया या वास्तविक चरित्र की कभी भी सार्वजनिक तौर पर आलोचना नहीं की। झामुमो समाज में समरसता, सुरक्षा और सम्मान की रक्षा की राजनीति करता है।
व्यक्तिगत स्वार्थ, राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए झामुमो राजनीति नहीं करता और न ही षड्यंत्र रचता है। सुप्रियो ने केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया है कि समाज में इस प्रकार के दुष्प्रचार करने वाले जनप्रतिनिधियों तथा व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें समाज के सामने लाएं और कानून सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करें। कहा कि महिलाओं के प्रति भारतीय जनता पार्टी का शुरू से ही चेहरा लोगों के सामने है। चाहे वह उत्तर प्रदेश की घटनाएं हों या मध्य प्रदेश की या फिर बिहार कीं।
दुष्कर्म के पीछे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का अग्रिम प्रतिनिधित्व रहा है। भाजपा हेमंत सोरेन सरकार की कार्यक्षमता पर सकारात्मक बहस करे न कि नकारात्मक एवं निकृष्ट राजनीति और षड्यंत्र का सहारा ले। उल्लेखनीय है कि सुप्रियो ने यह बयान एक युवती के उस वीडियो संदेश के संदर्भ में जारी किया है जिसमें युवती कह रही है कि उसे डराया, धमकाया और ब्लैकमेल किया जा रहा है। यदि उसे कुछ हुआ तो इसके लिए जहूर आलम, बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे और सुनील तिवारी जिम्मेदार होंगे।
युवती दबाव में दे रही बयान, हो सीबीआइ जांच : बाबूलाल
पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने महाराष्ट्र की युवती द्वारा सोशल मीडिया पर डराए-धमकाए जाने के आरोप लगाने पर कहा है कि युवती के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि वह दबाव में आकर ऐसा कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग करते हुए कहा है कि इसकी तह में जाने से ही सही बात सामने आ पाएगी। उन्होंने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक, मुंबई पुलिस कमिश्नर एवं अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अविलंब युवती को सुरक्षा देने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने युवती के वीडियो के सामने आने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दस्तावेजों के अध्ययन से यह बात साफ हो जाती है कि पीडि़ता का वीडियो में दिया बयान उपलब्ध दस्तावेज से विपरीत है। आरोप लगाया कि इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा अनुचित दबाव डालकर जांच नहीं होने देने की कोशिश की जा रही है। कहा कि जनता ने जिसे चुना है, उसके चरित्र के बारे में जानने का उसे पूरा हक है। मरांडी ने कहा, उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार वर्ष 2013 में ही युवती ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था जिसे उस समय भी अनुचित तरीके से दबाव डालकर यह कहते हुए वापस करा दिया गया था कि लड़की की शादी होनेवाली है।
इसलिए वह केस आगे लडऩा नहीं चाहती। दुष्कर्म का मामला किसी पीडि़ता की निजी मजबूरियों के चलते बंद नहीं हो सकता। ऐसे में मुख्यमंत्री पर लगे आरोप आज भी बरकरार हैं। बाबूलाल ने यह भी कहा कि उसकी संदेहास्पद परिस्थिति में दुर्घटना हो गई थी तथा कुछ हफ्ते पूर्व उसने बांद्रा पुलिस स्टेशन में अर्जी देते हुए फिर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर उसी दुष्कर्म का मामला दर्ज करने की मांग की थी। बता दें कि गुरुवार को युवती का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रही है कि इंटरनेट मीडिया में उसके बारे में गलत लिखा जा रहा है। उसे डराया-धमकाया जा रहा है। यह भी कहा है कि उसे कुछ होता है तो इसके लिए बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दूबे आदि जिम्मेदार होंगे।