राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजीपुर बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही बाधित है।
Ab2 न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को एक महीना होने को है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का आंदोलन बृहस्पतिवार को 29वें दिन पहुंच गया। दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर के साथ यूपी के नोएडा और गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही बाधित है।
बता दें कि किसानों के प्रदर्शन के मद्देजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों में से एक याचिकाकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रही 40 से ज्यादा किसान यूनियनों को पक्षकार बनाना चाहता है। इस बाबत प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 17 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों को बगैर किसी बाधा के अपना आंदोलन जारी रखने देना चाहिए और न्यायालय शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस मामले में जिन किसान यूनियनों को प्रतिवादी बनाने का अनुरोध किया गया है उनमें बीकेयू-सिधूपुर, बीकेयू-राजेवाल, बीकेयू-लखोवाल, बीकेयू-डकौंडा, बीकेयू-दोआबा, जंबूरी किसान सभा और कुल हिंद किसान फेडरेशन भी शामिल हैं।
वहीं, दूसरी ओर सिंघू और टीकरी बॉर्डर प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या लगातार घट रही है। यही वजह है कि किसान संगठनों के नेता मंच से लोगों को आंदोलन में शामिल होने की अपील करते दिख रहे हैं। इस बीच किसानों को समर्थन देने कई पंजाबी कलाकार और कवि भी पहुंच रहे हैं, जिससे यहां पर किसान जमा रहें।
वहीं, किसानों का केंद्र सरकार की ओर से बातचीत का प्रस्ताव भी दिया गया था, लेकिन इस बार कोई सहमति नहीं बन पाई है।