महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा जिस तरह से केंद्र का उपयोग कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है। बिना किसी सहमति के, IPS अधिकारी को राज्य से वापस ले लिया गया। यह बहुत गंभीर मामला है। शरद पवार इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी चर्चा करेंगे, ये बैठक दिल्ली में होगी। यदि जरूरत पड़ी तो शरद पवार निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल जाएंगे।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र का उपयोग कर रही है। शरद पवार और ममता बनर्जी ने इस विषय पर चर्चा की है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल, भूपेश बघेल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत, क्रमशः पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में आरोप लगाया कि प्रतिनियुक्ति पर तीन आइपीएस अधिकारियों को स्थानांतरित करने वाला केंद्र का आदेश बंगाल के प्रशासन के कामकाज में हस्तक्षेप है। छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान जहां कांग्रेस की सरकार हैं, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन है।
बता दें कि बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। ममता बनर्जी, केंद्र के इस कदम का विरोध कर रही हैं और उन्होंने रविवार को इस विषय को लेकर राज्य के साथ एकजुटता के लिए इन विपक्षी नेताओं का आभार व्यक्त किया। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में भाजपा विरोधी रैली का आयोजन करना चाहती है। हालांकि इस संबंध में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है।