किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अब सरकार इन कृषि कानूनों के हर उस बिंदु पर बात करेगी जिसपर किसान विरोध जता रहे हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही हैं।
केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग करने वाले किसानों के आंदोलन का आज मंगलवार को 20वां दिन है। केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार किसानों के साथ वार्ता करेगी। उनके अनुसार, वार्ता कृषि कानूनों के हर बिंदु पर की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने को लेकर सरकार उनसे संपर्क में है।
इस दौरान बुराड़ी (Burari) के बाहरी इलाके में संत निरंकारी समागम (Sant Nirankari Samagam) समेत कई बॉर्डर वाले इलाकों पर अपनी मांगों को लेकर किसान डटे हुए हैं। सोमवार को आंदोलनरत किसानों ने पूरे दिन का भूख हड़ताल किया। कृषि मंत्री ने कहा, ‘ किसान नेताओं व सरकार की वार्ता निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।’ कृषि मंत्री का कहना है कि ये तीनों कानून किसानों की जिंदगी बदलने वाले हैं और इन कानूनों के पीछे सरकार की नीति स्पष्ट है। उन्होंने कहा, ‘हमने किसानों और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया। हमारी इच्छा है कि वे कानून के प्रत्येक बिंदु (खंड) पर बातचीत करें।
आंदोलन करने वाले प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत का नेतृत्व कृषि मंत्री कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही हैं। सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव उनके विचारार्थ भेजा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी है, लेकिन किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया और कानूनों को निरस्त करने की मांग की है।