महाराष्ट्र की पांच विधान परिषद सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों में धुले-नदुरबार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) शिवसेना (Shivsena) से अधिक वोट हासिल कर विजयी रही। वहीं महाराष्ट्र विकास अघाड़ी पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विजयी रही।
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार अरुण लाड ने एनडीए के उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48,800 से अधिक मतों से हरा कर राज्य विधान परिषद चुनाव में पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर जीत हासिल कर ली है। महाराष्ट्र की पांच विधान परिषद सीटों पर हुए चुनाव नतीजों के लिए 3 दिसंबर वीरवार से मतगणना हो रही है। वीरवार को कुछ सीट पर परिणाम आ चुके थे जबकि पुणे सीट का नतीजा आज घोषित हुआ है।
धुले-नदुरबार में भाजपा शिवसेना से अधिक वोट हासिल कर जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी के अमरीश रसिकलाल पटेल ने धुले-नदुरबार स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्र से विजयी रहे। महाराष्ट्र में विभिन्न मुद्दों पर जारी भाजपा और शिवसेना की तनातनी के बीच धुले नंदुबरबार निकाय उपचुनाव में सत्तारुढ़ महाविकास अघाड़ी को पराजय का सामना करना पड़ा। वीरवार को हुई मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की। जानकारी के अनुसार भाजपा प्रत्याशी पटेल को 434 वोटों में से 332 वोट प्राप्त हुए। विपक्षी प्रत्याशी अभिजीत पाटिल (कांग्रेस) को मात्र 98 वोट ही मिले।
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 199 और कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी के महाविकास आघाड़ी के 213 सदस्यों ने वोटिंग की थी। भाजपा प्रत्याशी ने विपक्ष के 115 मत अपने पाले में कर आघाड़ी उम्मीदवार पाटिल को बड़ा झटका दिया।
महाराष्ट्र की पांच विधान परिषद (एमएलसी) में से निकाय सीट के परिणाम जल्द घोषित हो गए जबकि स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों (पुणे, औरंगाबाद और नागपुर) व शिक्षक क्षेत्र (पुणे और अमरावती) की सीट पर मतगणना देर तक जारी रही। हालांकि शुरुआती रुझानों में एमवीए के उम्मीदवार भाजपा पर भारी पड़ते दिख रहे थे। इस निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) और विपक्षी भाजपा के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। बता दें कि इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी और भाजपा ने जमकर प्रचार किया था। कोरोना महामारी के बीच संपन्न हुए इन चुनावी नतीजों पर सबकी नजरें थीं। है।
वहीं उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी को महाराष्ट्र स्थानीय निकाय उपचुनाव में बड़ा झटका लगा। इस जीत के साथ ही अब भाजपा को शिवसेना को घेरने का अवसर मिल गया है। ज्ञात हो कि शिवसेना और भाजपा में आये दिन विभिन्न मुद्दों को लेकर आपसी मनमुटाव होता रहता है। बात चाहे कोरोना की हो या लॉकडाउन की नए कृषि कानूनों को लेकर भी दोनों पार्टियों में तकरार हु्ई है।
भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा, पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और नेता चंद्रकांत पाटिल ने इस चुनाव में भाजपा का परचम लहराने के लिए पूरा जोर लगाया। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने मिलकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे। इस चुनाव में विपक्ष ने सत्तारूढ़ सरकार पर कोरोना संक्रमण से निपटने में उसकी नाकामी, लॉकडाउन से हुए आर्थिक नुकसान सहित भारी बारिश से राज्य के किसानों को हुई क्षति को मुद्दा बनाया था।