‘सड़क पर नमाज पढ़ी तो क्‍या कयामत आ गई

यूपी के बरेली से कौशांबी जा रही बस को रोककर नमाज पढ़ने का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के एक बयान ने इस मुद्दे को लेकर आग में घी डालने का काम किया है। दरअसल, कुछ ही पहले बरेली डिपो से एक सरकारी रवाना हुई थी। एसी बस में बैठे यात्रियों ने नमाज पढ़ने देने के लिए बस रुकवाई तो ड्राइवर और स‍ंविदा कंडक्‍टर राजी हो गए। इस पर दोनों को ही नौकरी से हटा दिया गया है। अब ओवैसी ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रया दी और विवादित बात कह डाली। उन्‍होंने अपनी विवादित प्रतिक्रिया का वीडियो ट्विटर पर भी शेयर किया है।

‘नमाज पढ़े तो क्या कयामत आ गई’

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा के दौरान कहा है कि, ‘उत्तर प्रदेश के बरेली से दिल्‍ली बस जा रही है.. बस रास्ते में रुकी तो किसी मुसलमान ने कहा कि भाई तीन मिनट रुक जाओ हम नमाज पढ़ लेते हैं। तीन मिनट सिर्फ दो मुसलमान नमाज पढ़े थे तो कृष्णपाल सिंह ड्राइवर और मोहित यादव, जो कांट्रैक्‍ट एम्‍प्‍लॉय है दोनों को सस्‍पेंड कर दिया। अगर नमाज पढ़े तो क्या कयामत आ गई? अगर नमाज पढ़ना गुनाह है तो पूरे गर्वमेंट दफ्तरों में किसी के धार्मिक निशान नहीं होने चाहिए। कोई कलेक्टर के ऑफिस का उद्धाटन हो.. सचिवालय हो, कोई भी मजहबी त्यौहार नहीं होना चाहिए। दो मिनट के लिए बस रुकी तो आपने बस के ड्राइवर को सस्पेंड और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी कंडक्टर मोहित यादव को सस्‍पेंड कर दिया। आप सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास की बात करते हैं।’ इसके साथ ही उन्‍होंने कैप्‍शन में लिखा कि, ‘अगर नमाज़ पढ़ना गुनाह है तो किसी भी सरकारी ऑफिस में कोई भी धार्मिक निशान नहीं होना चाहिए।’

तीन जून की शाम सात बजे यूपी के बरेली डिपो से एक सरकारी एसी बस कौशांबी की ओर जा रही थी। यहां पर बस स्‍टैंड से कुछ यात्री बैठे। इसके बाद जब बस आगे बढ़ी तो कुछ यात्रियों ने कांट्रैक्‍ट पर काम कर रहे कंडक्टर से कहा कि उन्‍हें नमाज पढ़नी है तो थोड़ी देर रुक जाएं। इस पर ड्राइवर भी राजी हो गया और दोनों ने बस रोक दी। इसके बाद अन्‍य यात्रियों ने विरोध शुरू कर दिया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके अलावा उन्‍होंने वही वीडियो रोडवेज के अधिकारियों को भेजा। जानकारी पर आरएम दीपक चौधरी ने कार्रवाई के निर्देश दे दिए और विभाग ने ड्राइवर को निलंबित कर दिया और संविदाकर्मी की सेवा समाप्त कर दी गई।