रांची (राज्य ब्यूरो) । चाईबासा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है लेकिन उनके जेल से बाहर आने का रास्ता अभी नहीं खुला। लालू प्रसाद को झारखंड में चारा घोटाला के चार मामले में सजायाफ्ता हैं। चाईबासा कोषागार के दो मामलों और देवघर कोषागार के एक मामले में लालू को जमानत मिल गई है। दुमका कोषागार से संबंधित मामले में अभी उनकी ओर से जमानत याचिका नहीं दाखिल की गई है। इस मामले में लालू प्रसाद को सर्वाधिक सात साल की सजा मिली है।
चाईबासा कोषागार के जिस मामले में उन्हें जमानत मिली है, उसमें उन्हें अधिकतम पांच साल की सजा सुनाई गई है। इसकी आधी सजा यानि ढाई साल उन्होंने जेल में पूरे कर लिए हैं। आधी सजा पूरी करने के आधार पर ही हाई कोर्ट ने लालू को जमानत दी है, ऐसे में उन्हें इसी आधार पर राहत दी जाती है तो उन्हें कम से कम अभी एक साल जेल में और काटना होगा। इस तरह यह तय है कि लालू फिलहाल बिहार चुनाव में अपना जलवा नहीं बिखेर पाएंगे जैसा कि उनके समर्थक उम्मीद कर रहे थे। बता दें कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद पर कुल पांच मामले झारखंड में चल रहे हैं। जिनमें से चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में लालू प्रसाद को सजा मिल चुकी है। वहीं, डोरंडा वाले मामले में अभी सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसमें से लालू प्रसाद को चाईबासा और देवघर मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। वहीं, चाईबासा के दूसरे मामले में लालू को शुक्रवार को जमानत मिली।