जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है। हर कोई सपने देखता है। या यूं भी कहा जा सकता है कि सभी का एक सपना होता है। हर किसी का सपना अलग हो सकता है। कोई अपने लिए कुछ करना चाहता है तो कोई दूसरों के लिए कुछ करना चाहता है। कुछ लोगों में वो जज्बा होता है कि वो अपने सपने पूरे कर लेते हैं। वहीं, कुछ लोगों की अपनी कमियों के चलते वो ऐसा नहीं कर पाते हैं। लेकिन अगर आपको अपनी राह खुद बनानी होगी। आज जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको एक ऐसी ही कहानी सुना रहे हैं जिसमें एक बिजनेसमेन ने सिर्फ सपने ही नहीं देखे बल्कि उसे पूरा भी किया।
एक बार एक व्यक्ति ने एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन से प्रश्न किया कि आप इतने सफल है। आप आखिर इस मुकाम तक कैसे पहुंचे। यह सब आपने कैसे हासिल किया? यह प्रश्न सुन बिजनेसमैन ने जवाब देते हुए कहा कि मैंने सपने देखें और मैं उन्हीं सपनों के साथ बड़ा हुआ। मैंने अपने मन से प्रश्न किया कि मैं क्या करना चाहता हूं। फिर एक दिन ऐसा हुआ कि मुझे ख्वाब में दिखा कि मुझे क्या करना है। फिर सुबह उठकर मुझे समझ आ गया कि मैं अपने सपने को कैसे पूरा कर सकता हूं।
लोगों ने कहा कि जो मैं करना चाहता हूं वो नहीं हो सकता है। यह नामुमकिन है। लेकिन मैंने केवल अपने मन की सुनी और सभी की बातों का नजरअंदाज कर दिया। मैंने आपनी राह खुद चुनी। जो ख्वाब मैंने देखा था मैंने उसे पूरा किया और जो बनना चाहता था वो बना।
जिस तरह यूएस के 28वें प्रेसिडेंट वूड्रो विल्सन ने कहा था, ‘हम अपने सपनों से महान होते हैं, सभी बड़े पुरुष सपने देखते हैं’। कई बार लोग जीवन में कठिनाइयां आने के चलते अपने सपनों को पूरा नहीं करते हैं और उन्हें अधूरा छोड़ देते हैं लेकिन कुछ लोग अपने सपनों की रक्षा करते हैं। ये लोग अपने सपने को जीते हैं और उन्हें बच्चे की तरह बड़ा होने देते हैं। वहीं, बुरे दिनों का सामना करते हैं। तब तक कोशिश करते हैं जब तक उनका सपना पूरा न हो जाए। ऐसे में हमेशा यह कोशिश करें कि कोई भी दूसरा व्यक्ति आपका सपना न चुरा पाए। साथ ही यह किसी को बताने का मौका न दें कि आप जो कर रहे हैं वो गलत है।