रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि अगर किसान यूनियन कुछ नए प्रस्ताव लेकर आते हैं तो सरकार उनके साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। गोयल किसान संगठनों के साथ बातचीत करने वाली सरकार की टीम के सदस्य हैं।
गोयल ने कहा- मोदी सरकार किसानों की चिंताओं को लेकर गंभीर
यहां प्रेस कांफ्रेंस में गोयल ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की चिंताओं को लेकर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी सरकार बातचीत के जरिये इस मामले को सुलझाने के लिए तैयार है।
गोयल ने कहा- यदि किसानों को कानूनों को लेकर आपत्ति है तो बताएं सरकार दूर करने के लिए तैयार
गोयल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि सरकार किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूर है, लेकिन किसी को बातचीत करने या आगे बढ़ने के लिए कॉल करनी होगी। अगर किसानों को कानूनों को लेकर कोई आपत्ति है तो बताएं सरकार उसे दूर करने के लिए तैयार है।’
रेल मंत्री ने कहा- मोदी सरकार किसानों का भ्रम दूर करना चाहती है
गोयल ने कहा कि कुछ मुद्दों पर किसानों को भ्रमित किया गया है। कुछ लोग किसानों के मन में संदेह पैदा करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान भ्रम में हैं और सरकार उनका भ्रम दूर करना चाहती है। सरकार ने किसानों के सामने प्रस्ताव पर प्रस्ताव रखे, लेकिन मीडिया में इसे तारीख पे तारीख कहा गया, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे प्रस्ताव पे प्रस्ताव कहा जाना चाहिए।
नए कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुना करने के इरादे से लाया गया
गोयल ने एक बार फिर कहा कि नए कृषि कानूनों को किसानों की आय दोगुना करने के इरादे से लाया गया है। इसके किसानों को फायदा होने वाला है। किसानों को उनके लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
महामारी में भारत ने ‘जीवन’ और ‘जीविका’ दोनों का ध्यान रखा
देश में कोरोना महामारी से निपटने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जिसने ‘जीवन’ के बाद ‘जीविका’ का भी ध्यान रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले लोगों की जिंदगी बचाने पर ध्यान केंद्रित किया और उसके बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का ध्यान केंद्रित किया। जबकि, कई देशों ने लोगों की जिंदगी की जगह अर्थव्यवस्था का ख्याल रखा। विकसित देशों के साथ भारत की तुलना करते हुए उन्होंने कहा जिस तरह से भारत कोरोना महामारी से निपटा है, वह सराहनीय है।