आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है, जो क्रिप्टोकरेंसी से काफी अलग है। उन्होंने कहा कि कुछ व्यापक दिशा-निर्देश और अप्रोच पेपर्स जल्दी जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रौद्योगिकी से जुड़ी क्रांति में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों का लाभ उठाने की जरूरत है। गवर्नर ने कहा कि आरबीआई को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ आशंकाएं हैं, जिससे सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर दास ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम का असर लागत पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों में इजाफा से कई तरह की गतिविधियों की लागत में वृद्धि होती है। यह केवल कार या बाइक यूज करने वाले लोगों से जुड़ा हुआ नहीं है।
उन्होंने कहा कि ईंधन की उच्ची कीमतों का असर विनिर्माण, परिवहन और अन्य पहलुओं पर देखने को मिलता है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कमी के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है क्योंकि पेट्रोल-डीजल पर दोनों इनडायरेक्ट टैक्स लगाते हैं। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि राज्यों और केंद्र पर ज्यादा-से-ज्यादा राजस्व इकट्ठा करने का दबाव है क्योंकि देश और लोगों को कोविड संकट से बाहर लाने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा पैसों की जरूरत है।
Diesel &petrol prices do have an impact on the cost side. They play as cost push factor across a range of activities. It's not just that passengers who use cars and bikes. High fuel prices also have an impact on cost of manufacturing, transportation & other aspects: RBI Governor pic.twitter.com/zn4AzB5Ag8
— ANI (@ANI) February 25, 2021