देश हित में जिस तरह करोड़ों लोगों ने घरेलू गैस सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ दी और सक्षम होने पर अन्य सरकारी सुविधाएं छोड़ रहे हैं, उसी तरह आरक्षण के चलते जो क्रीमी लेयर में आ चुके हैं, उन्हें जरूरतमंदों के लिए खुद आरक्षण का लाभ छोड़ देना चाहिए। यह कहना है भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य का। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन ‘नईदुनिया’ से विशेष बातचीत में आर्य ने आरक्षण, सियासत और बंगाल विधानसभा चुनाव के संदर्भ में चर्चा की। उन्होंने पदोन्नति में आरक्षण के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा सभी वर्गो के कल्याण के लिए काम कर रही है। पेश है आर्य से बातचीत के प्रमुख अंश…
सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आप क्या कहना चाहेंगे?
जब तक समाज में बराबरी नहीं आ जाती आरक्षण समाप्त नहीं कर सकते। कानून हर विषय पर वह काम नहीं कर सकता, जो समाज में सामंजस्य से हो सकता है। जिन लोगों को आरक्षण का लाभ मिल चुका है और वे क्रीमी लेयर में हैं, उन्हें आगे आकर आरक्षण का लाभ छोड़ देना चाहिए, जिससे जरूरतमंदों को इसका फायदा मिल सके।
बंगाल के हालात को कैसे देखते हैं?
ममता सरकार में टीएमसी कार्यकर्ताओं की शह पर बदमाशों ने वहां भाजपा के 131 कार्यकर्ताओं की हत्या की है। इनमें 105 कार्यकर्ता अनुसूचित जाति के हैं। कार्यकर्ताओं पर आंदोलन के बहाने केस लगाए जा रहे हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही, बल्कि हत्या की जा रही है। इसके खिलाफ हमने छह दिसंबर बाबा साहब आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर दिल्ली में धरना दिया था।