प्यार किया तो डरना क्या, आगरा की एक दादी ने इस कहावत को फिर से साबित कर दिखाया। पति की मौत के बाद 50 वर्षीय महिला ने बच्चों की शादी करके उनकी गृहस्थी बसा दी। करीब पांच महीने पहले गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर वह तीर्थ स्थल बटेश्वर में आकर रहने लगीं। यहां पर एक महीने पहले उन्हें अपने से दस साल की उम्र के एक बाबा से प्यार हो गया। दादी ने सन्यासी जीवन त्यागने का फैसला किया। अपने 40 साल के प्रेमी के गले में वरमाला डालकर दोबारा गृहस्थ जीवन में प्रवेश करके एक नई जिंदगी की शुरूआत के सफर पर निकल पड़ीं।

हुआ यूं कि बाह के एक गांव की 50 वर्षीय महिला के पति की काफी साल पहले म़ृत्यु हो गई थी। महिला ने पति की मौत के बाद बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी को उठाया। बड़े होने पर बच्चों की शादी कर दी।उनका मन बच्चों औेर उनकी गृहस्थी में रम चुका था। जिम्मेदारी उठाने और बच्चों की गृहस्थी बसाने के दौरान उम्र कब बीत गई उन्हें इसका अहसास नहीं हुआ। मगर, जब बच्चे अपनी गृहस्थी में रमने लगे, मां की ओर उन्होंने ध्यान देना कम कर दिया।

इस एकाकीपन से ऊबकर 50 साल की उम्र में दादी ने घर छोड़कर सन्यासी जीवन बिताने का फैसला किया। वह पांच महीने पहले घर छोड़कर तीर्थ स्थल बटेश्वर में रहने आ गईं। यहां टिन शेड में रहने वाले अन्य बाबा के साथ रहने लगीं। दादी का मन पूरी तरह से यहां रम चुका था।एक महीने पहले इटावा का रहने वाला 40 साल का बाबा तीर्थ स्थल पर रहने आया। वह अविवाहित था, घर को त्याग चुका था। उसने अपने से उम्र में दस साल बड़ी दादी की छोटी-छोटी जरूरतों का ध्यान रखना शुरू कर दिया। उनके खाना खाने के इंतजाम से लेकर बीमार होने पर देखभाल करता। इसने दोनो को एक दूसरे को करीब ला दिया।

बाबा ने अपने से उम्र में दस साल बड़ी दादी से प्यार का इजहार किया। दादी अपने से दस साल छोटे प्रेमी को दिल दे बैठीं। प्रेमी ने उनसे शादी करके नई जिंदगी की शुरूआत करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद दादी ने प्रेमी के साथ शादी करके दोबारा गृहस्थ जीवन में लौटने का फैसला किया। शनिवार की सुबह दादी और उनके प्रेमी एक दूसरे वरमाला डाली। प्रेमी ने दादी की मांग में सिंदूर भरा। इसके बाद दोनों नई जिंदगी की शुरूआत के सफर पर निकल पड़े।

तीर्थ स्थल में इस तरह की पहली शादी

तीर्थ स्थल बटेश्वर में यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। अभी तक यहां युवक-युवतियों द्वारा ही शादी करने के मामले सामने आते रहे हैं।मगर, किसी दादी द्वारा अपने प्रेमी के साथ शादी करने का यह पहला मामला है।

शादी के गवाह बने गृहस्थ जीवन त्याग चुके लोग

बताया जाता है इस शादी के गवाह गृहस्थ जीवन त्याग चुके लोग भी बने। यह सभी दादी और उनके प्रेमी के साथ उसी टिन शेड में रहते थे। दादी और उनके प्रेमी द्वारा एक दूसरे को वरमाला पहनाने औेर मांग में सिंदूर भरने के दौरान सभी लोग वहां थे। उन्होंने दादी को उनके दोबारा से गृहस्थ जीवन की शुरूआत करने पर शुभकामनाएं दीं।