राजकोट के शिवानंद हॉस्पिटल में मेडिकल उपकरण के कारण आग लगी थी। अस्पताल प्रबंधन शार्ट सर्किट को आग लगने की वजह बता रहा था लेकिन जांच में स्पष्ट हो गया है कि अस्पताल प्रबंधन बहाना बना रहा था। इस घटना में पांच कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी।
राजकोट के उदय शिवानंद ट्रस्ट संचालित शिवानंद अस्पताल में लगी आग का कारण मेडिकल उपकरण को ही माना गया है। अस्पताल प्रबंधन की शार्ट सर्किट के कारण लगी आग के बहाने को जांच समिति ने पूरी तरह नकार दिया है। आग का कारण वेंटिलेटर को ही माना गया है लेकिन सीधे-सीधे रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया है।
गुजरात सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके राकेश ने अपनी जांच समिति की रिपोर्ट सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दी है। राकेश ने इस रिपोर्ट में कहां है कि राजकोट के उदय शिवानंद अस्पताल में लगी आग का कारण शॉर्ट सर्किट नहीं है। आग वहां पर रखे मेडिकल उपकरण की वजह से लगी है।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में आग लगने का कारण गुजरात की स्थानीय ज्योति कंपनी द्वारा निर्मित धमण वेंटीलेटर को ही माना जा रहा है लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव रिपोर्ट में किसी का नाम लेने से बच रहे हैं। राकेश ने भविष्य में इस तरह की घटना ना हो इसके लिए अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव भी दिए हैं। गत माह राजकोट की उदय शिवानंद हॉस्पिटल के दूसरी मंजिल पर बने आईसीयू वार्ड में आग लग गई थी जिससे कोरोना संक्रमण के पांच मरीजों की जलने से मौत हो गई थी।
कोरोना महामारी के दौरान कोरोना स्पेशल अस्पतालों में आग लगने की यह आठवीं घटना थी। इससे पहले अहमदाबाद के श्रेय हॉस्पिटल में भी वेंटिलेटर में अचानक हुए विस्फोट के कारण आग लग गई थी जिससे आईसीयू में भर्ती कोरोना संक्रमण के आठ मरीजों की जलकर मौत हो गई थी। सरकार ने इन घटनाओं को काफी गंभीर माना है तथा इनके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कदम उठाए हैं। राजकोट में हुई घटना को भी सरकार ने गंभीर मानते हुए इसकी एक उच्चस्तरीय जांच कराई जिसमें यह साफ हो गया है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह आगजनी हुई।