मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल परिसर में बने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की चौथी मंजिल पर बनी गहन चिकित्सा इकाई (आइसीयू) में शनिवार दोपहर आग लग गई। इससे यहां भर्ती नौ कोविड मरीजों में से दो गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि एक मरीज कंपू निवासी 48 वर्षीय प्रदीप गौड़ की मौत हो गई। मरीज की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।
मृतक के स्वजनों का आरोप है कि आग लगने के दौरान दम घुटने से मौत हुई, वहीं अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि मरीज की मौत कोरोना से हुई है। फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई, लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने खुद ही आग पर काबू पा लिया। आइसीयू में 12 बेड हैं, इन सभी पर उम्रदराज मरीज भर्ती थे। मरीजों को तीसरी मंजिल के वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग आग लगने का प्रारंभिक कारण सीलिंग में लगी लाइट में शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। छत से जलती लाइट एक बेड पर गिरी और आग फैलने लगी। आनन-फानन में मरीजों को तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया। हालांकि स्टाफ का कहना है कि पहले वेंटिलेटर में विस्फोट हुआ, जिससे उठी चिंगारी से सीलिंग लाइट के अगल-बगल लगी प्लास्टिक ने आग पकड़ी।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए हैं। आनन-फानन में मरीजों को तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया। वेंटिलेटर वाले मरीजों को बेड सहित शिफ्ट करने में कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इस बीच मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो गई है। शनिवार को अब तक के सर्वाधिक 546 नए मरीज मिले हैं। इस तरह इंदौर ने पहली बार एक दिन में 500 से अधिक मरीजों की संख्या को पार किया है। इसके पहले 1 अक्टूबर को एक दिन में सर्वाधिक 495 मरीज मिले थे। शनिवार को संक्रमण से तीन लोगों की मौत हुई। अभी तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 732 हो चुकी है।