GST विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में सालाना 1.5 करोड़ तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को एचएसएन कोड से मुक्त रखा गया है। 1.5 करोड़ से पांच करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वालों को दो डिजिट वाले एचएसएन कोड का इस्तेमाल करना होता है।
आगामी पहली अप्रैल से सभी कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर (एचएसएन) कोड का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है। छोटे कारोबारियों का कहना है कि इससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि एचएसएन कोड में जरा भी गलती होने पर उन्हें 50,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। आगामी पहली अप्रैल से कारोबारियों को सभी टैक्स इनवॉयस और जीएसटीआर-1 दाखिल करने के दौरान एचएसएन कोड का उल्लेख करना पड़ेगा।
जीएसटी विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में सालाना 1.5 करोड़ तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को एचएसएन कोड से मुक्त रखा गया है। 1.5 करोड़ से पांच करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वालों को दो डिजिट वाले एचएसएन कोड का इस्तेमाल करना होता है। वहीं पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को चार डिजिट का एचएसएन कोड देना पड़ता है।
आगामी पहली अप्रैल से सालाना पांच करोड़ तक के कारोबार करने वाले सभी कारोबारियों को चार डिजिट और पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों को छह डिजिट के एचएसएन कोड का उल्लेख करना होगा। निर्यातकों के लिए आठ डिजिट के एचएसएन कोड होंगे। सालाना पांच करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए बिजनेस-टु-बिजनेस (बीटुबी) में एचएसएन कोड अनिवार्य होगा, जबकि बिजनेस-टु-कंज्यूमर (बीटुसी) में यह वैकल्पिक होगा। लेकिन पांच करोड़ से अधिक के कारोबार वालों के लिए सभी प्रकार के बिजनेस में यह अनिवार्य होगा।