कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को लेकर वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने बड़ा दिया है। उऩ्होंने कहा है कि पार्टी में जी -23 या 24 जैसी कोई चीज नहीं है। सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक है। किसी की शिकायत वो हमेशा सुनती हैं।
कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को लेकर वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने बड़ा दिया है। उऩ्होंने कहा है कि पार्टी में जी -23 या 24 जैसी कोई चीज नहीं है। सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक है। यदी किसी को शिकायत होती है,तो वो उसे हमेशा सुनती हैं। बता दें कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। समय-समय पर यह जगजाहिर हो रहा है। पार्टी के भीतर कलह लगातार बढ़ता जा रहा है। अब पार्टी के कई नेता खुले मंच से पार्टी की नीतियों का विरोध कर रहे है। यही कारण है कि देश के राजनीतिक गलियारों में जी-23 की चर्चा है। जी-23 पार्टी के भीतर असंतुष्ट नेताओं के समूह को नाम दिया गया है।
इससे पहले सोमवार को जम्मू में हुई जी-23 नेताओं की बैठक से खुद को अलग करते हुए वीरप्पा मोइली पार्टी के अंदरूनी मतभेद सार्वजनिक होने पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही राहुल गांधी के फिर से पार्टी प्रमुख बनने का समर्थन किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल थे,जिन्होंने पिछले वर्ष अगस्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इसके बाद से ही इन नेताओं को जी-23 के नाम जाना जाता है।
गौरतलब है कि राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए जी-23 के नेताओं ने शनिवार को जम्मू में एक रैली की थी। आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर असंतोष दिखाते हुए कहा था कि पार्टी कमजोर हो रही है। इसे लेकर मोइली ने कहा था कि वे जी-23 का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त में भेजे गया पत्र सोनिया गांधी या राहुल गांधी के नेतृत्व के खिलाफ नहीं था। इसका मकसद पार्टी में सुधार करना और संगठनात्मक चुनाव कराना था। हम उनके अध्यक्ष बनने के खिलाफ नहीं हैं। कांग्रेस को कमजोर बताने के कुछ नेताओं के बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी जीतने लगेगी तो भाजपा कमजोर लगने लगेगी।