संयुक्त अरब अमीरात का होप प्रोब तेजी से मंगल ग्रह की तरफ सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। 20 जुलाई 2020 को इसे जापान से लॉन्च किया गया था और 12 फरवरी 2021 को इसने मंगल ग्रह के ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया था। इसके बाद इसने मंगल ग्रह की एक खूबसूरत तस्वीर खींचकर कंट्रोल रूप को भी भेजी है। अपने इस पहले इंटरप्लेनेटरी मिशन से यूएई के वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं।
आपको बता दें कि अरब देशों में शामिल यूएई ऐसा पहला देश है जिसने मंगल ग्रह पर अपना यान भेजा है। वह ऐसा करके दुनिया का पांचवा देश बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होप प्रोब की स्पीड लगातार कम और ज्यादा हो रही है। साथ ही इसकी मंगल से दूरी में भी लगातार अंतर आ रहा है। कभी ये कम होती है तो कभी ये अधिक हो जाती है। क्या आप इसकी वजह जानते हैं। यदि नहीं तो हम आपको इसका जवाब यहां पर आज दे रहे हैं।
आपको बता दें कि होप प्रोब मंगल की कक्षा के चारों तरफ चक्कर काटते हुए वहां की सतह पर मौजूद वातावरण में होने वाले अंतर का पता लगाएगा। इसके अलावा ये वहां के मौसम में आने वाले अंतर और वहां पर मौजूद गैसों का भी पता लगाएगा। मंगल से इस यान की दूरी घटने और बढ़ने के अलावा इसकी स्पीड में आने वाले अंतर का भी जवाब इसी में छिपा है। दरअसल, किसी भी यान को लॉन्च करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उसको जहां तक पहुंचना है उस ग्रह की पृथ्वी से दूरी सबसे कम कब होगी। इसी हिसाब से वैज्ञानिक अपने यान की स्पीड को भी नियंत्रित करते हैं।
मंगल ग्रह के ऑर्बिट में होप प्रोब के प्रवेश का अर्थ है कि जिस कक्षा में वो चक्कर लगाता है उस पर ये यान अब पहुंच गया है। इस राह पर चलते हुए एक समय ऐसा आता है जब होप प्रोब और मंगल ग्रह की दूरी बेहद कम रह जाती है। लेकिन इसका चक्कर लगाते समय ये एक बार मंगल ग्रह से अधिकतम दूरी पर होता है। मंगल ग्रह से इसकी नजदीकी और इसकी दूरी का सीधा असर यान की स्पीड पर पड़ता है। जिस वक्त होप प्रोब मंगल ग्रह के नजदीक होता है तब वैज्ञानिक इसकी स्पीड को कम करते हैं और जैसे जैसे ये इससे दूर होता जाता है वैसे-वैसे ही इसकी स्पीड बढ़ती जाती है।
आप इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि 14 फरवरी को होप प्रोब की मंगल से दूरी 32 हजार किमी से कुछ अधिक थी, लेकिन 15 फरवरी को इसकी दूरी 44 हजार से कुछ अधिक हो चुकी है। वहीं यदि इसकी स्पीड की बात करें तो कल ये 82 हजार किमी प्रति घंटे से कुछ अधिक थी और आज ये बढ़कर 86 हजार किमी प्रति घंटे से कुछ अधिक हो गई है। इस यान की ताजा जानकारी को https://www.emiratesmarsmission.ae से ली जा सकती है।