पहले समझा जा रहा था कि सू ची की पुलिस हिरासत सोमवार तक है जिसे देखते हुए म्यांमार के अधिकांश बड़े शहरों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा होने लगी थी.
ये लोग सू ची को रिहा करने की माँग कर रहे हैं. साथ ही, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ‘म्यांमार में लोकतंत्र को बहाल किया जाये.’
सोमवार को उनके वकील खिन ने कहा, “अदालत में हमें जज ने बताया कि सू ची को 17 फ़रवरी तक नज़रबंद रखा जायेगा. वे फ़िलहाल पुलिस की निगरानी में ही रहेंगी. अब ये सही है या ग़लत, आप ख़ुद तय कर सकते हैं.”
खिन की टीम के एक वकील ने मीडिया को बताया कि ‘जज ने सोमवार सुबह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये सू ची से बात की और उनसे पूछा कि क्या वे अपने पक्ष में वकील हायर कर सकती हैं?’
इस बीच सैन्य शासकों ने म्यांमार के सभी बड़े शहरों में बख़्तरबंद गाड़ियाँ तैनात कर दी हैं और पूरे देश में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
सैन्य शासन के ख़िलाफ़ म्यांमार में बीते 10 दिन से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.