गुजरात में महानगर पालिका चुनाव से पहले ही वडोदरा के भाजपा विधायक मधु श्रीवास्तव चित्त हो गए। बता दें कि, बीजेपी विधायक के बेटे को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे दीपक को निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतारने पर अड़ गए थे।
भाजपा से टिकट न मिलने के बाद दीपक ने वार्ड नं. 15 से निर्दलीय और बिना मेंडेड के ही भाजपा से भी नामांकन भरा था, जिसे चुनाव अधिकारियों ने रद्द कर दिया। विधायक ने बीजेपी पर आरोप लागते हुए कहा कि, यह सब इन्ही का किया धरा है। वहीं, गुस्साए दीपक के समर्थकों ने चुनाव अधिकारी के कार्यालय में तोड़फोड़ की। बाद में पुलिस ने दीपक श्रीवास्तव के समर्थकों को ऑफिस से बाहर खदेड़ा।
जांच के दौरान तीन संतानें और सम्पत्ति कर बकाया होने के आधार पर चुनाव अधिकारियों ने दीपक का फार्म रद्द कर दिया। तीन संतानों की बात पर दीपक ने कहा कि, हमने तीसरी बेटी गोद ली है, जिसे हम तीसरी संतान नहीं कह सकते हैं। वहीं, वार्ड 15 के भाजपा उम्मीदवार आशीष जोशी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि, नियमानुसार साल 2005 के बाद तीन संतान वाले चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। साथ ही दीपक पर चार संत्पत्तियों का टैक्स भी बाकी है।
इस सबके बावजूद विधायक के बेटे दीपक लगातार अधिकारियों से सिर्फ एक ही बात कह रहे थे कि, न तो उसका कोई भी टैक्स बकाया है और न ही उसकी तीन संतानें हैं। जब दीपक के समर्थकों ने यह सब देखा तो वह भड़क गये और चुनाव अधिकारी के कार्यालय में तोड़फोड़ की। वहीं, इस घटना के बाद चुनाव अधिकारी दीप्ति राठौड़ ने दीपक का नामांकन रद्द कर दिया।