कृषि कानूनों (Farmers Law) के विरोध में चल रहे आंदोलन के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) के आंदोलनजीवी संबोधन का विरोध करते हुए पाटीदार आंदोलनकारी हार्दिक पटेल (Hardik Patel)  ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी (Atal Bihari Bajpayee) का अपमान बताया है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पिछले कुछ सालों से पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगवानी करते आये हैं।

संसद भवन में चल रहे बजट अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कुछ संगठन तथा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग आंदोलनजीवी होते हैं जिनका इसके बिना काम नहीं चलता है। इस बयान पर विरोध जताते हुए हार्दिक ने अपने इंटरनेट मीडिया खातों में खुद की पहचान आंदोलनजीवी करते हुए प्रधानमंत्री के बयान को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का अपमान बताया है।

हार्दिक ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी की समूची राजनीतिक आंदोलनों पर टिकी हुई थी तथा उन्होंने जीवन पर्यंत जनकल्याण के हित में सरकारों के खिलाफ आंदोलन करते रहे लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री आंदोलन करने वालों को आंदोलन जीवी बता कर उनका भी अपमान कर दिया है। हार्दिक पटेल पाटीदार आरक्षण आंदोलन से निकले हुए नेता हैं तथा हाल गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (8 फरवरी) को 77 मिनट के अपने संबोधन में  कृषि कानून और उसे लेकर जारी किसानों के आंदोलन, कोरोना वैक्‍सीन, विपक्ष का हंगामा, किसानों के लिए किये गए कार्यो और हरित क्रांति का भी जिक्र किया था। \ पीएम मोदी ने आंदोलन करने वाले लोगों को नया नाम देते हुए कहा था कि आजकल देश में आंदोलनजीवी पैदा हो गए हैं। जो खुद आंदोलन खड़ा नहीं कर सकते लेकिन आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।

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