किसान आंदोलन को लेकर आज भी संसद के हंगामेदार होने के आसार हैं। अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन पर बयान आने के बाद सरकार ने इसका विरोध किया है और दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साजिश के आरोप में एफआइआर फाइल कर दी है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर आज भी संसद में हंगामा हो सकता है।आप यहां जान सकते हैं पल-पल की अपडेट…
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– संसद की आज की कार्यवाही शुरू हो गई है। संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है।गुरुवार को संसद में फिर से किसान आंदोलन को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद शाम में शुक्रवार सुबह 9 बजे तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया गया था।
– भाजपा सांसद महेश पोद्दार ने राज्यसभा में देश में ‘कोरोना वायरस महामारी की स्थिति के कुशल संचालन’ को लेकर छोटी अवधि की चर्चा का नोटिस दिया है।
किसानों के मुद्दों के आसपास सिमटी चर्चा
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर शुरू हुई चर्चा गुरुवार को किसानों के मुद्दों के आसपास सिमट गई। हालांकि पहले दिन के मुकाबले यह ज्यादा रोचक हो गई है। विपक्ष ने कृषि कानूनों व उसके विरोधियों के आंदोलन के मुद्दे पर जहां सरकार की घेराबंदी की, वहीं सत्ता पक्ष ने आंकड़ों के साथ जवाब दिया। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, हम किसानों के मित्र हैं और उनकी आय दोगुनी करने के प्रति संकल्पित भी हैं। माना जा रहा है कि इस चर्चा का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे सकते हैं।
देवगौड़ा ने साधा निशाना
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए जनता दल (सेक्यूलर) के सांसद व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा, सरकार को प्रदर्शनकारियों की मांगों पर विचार करना चाहिए और कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। चर्चा के दौरान पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने आंकड़ों के साथ बताया कि संप्रग सरकार के समय सिर्फ 236 करोड़ रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में दिए जाते थे, जबकि हम 10,500 करोड़ की एमएसपी दे रहे हैं। प्रधान ने गन्ना किसानों के भुगतान समेत किसानों को दी जाने वाली सम्मान निधि का भी जिक्र किया।