अमेरिका में निजाम बदलते ही राष्ट्रपति के ओवल दफ्तर की तस्वीर भी बदल गई। अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने दफ्तर में अपनी पसंद के अनुसार कुछ बदलाव किए हैं। इस बदलाव के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि जो बाइडन एक ऐसे दफ्तर में बैठें जो अमेरिका की सही तस्वीर को पेश करे। यह भी कहा जा रहा है कि इस बदलाव के पीछे उनकी सोच व उनका पूरा व्यक्तित्व दिखता है। इस बदलाव में यह दिखता है कि वे कैसे राष्ट्रपति हैं। सवाल यह है कि राष्ट्रपति बाइडन ने ऐसा क्यों किया। आखिर ओवल दफ्तर में बदलाव के क्या हैं निहितार्थ।
ओवल दफ्तर में नए चित्रों ने ली जगा
- ओवल दफ्तर में बाइडन ने अमेरिकी इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित व प्रभावशाली नेताओं के चित्र और प्रतिमाएं लगाई हैं। इसके साथ इस दफ्तर से कुछ चित्रों को हटा दिया गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय अमेरिका के 7वें राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन का चित्र हटा दिया गया है। द रूजवेल्ट डेस्क जिस पर बैठकर अमेरिकी राष्ट्रपति अपना काम-काज निपटाते थे ठीक उसके बाईं ओर पूर्व राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन का चित्र लगा था। जैक्सन, ट्रंप के लिए आदर्श थे वह उनमें अपनी छवि खोजा करते थे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जैक्सन पर भी कुछ आरोप लगे थे, लेकिन उनके खिलाफ महाभियोग नहीं लाया गया था। अमेरिका में बेंजामिन का नाम बहुद आदर से लेते हैं। बेंजामिन अमेरिका के संस्थापकों में से एक थे।
- नए राष्ट्रपति बाइडन ने अपनी मेज के सामने मार्टिन लूथर किंग जूनियर और रॉबर्ट एफ केनेडी की प्रतिमाएं लगाई हैं। मार्टिन लूथर और रॉबर्ट एफ केनेडी अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के हिमायती थे। दोनों नेताओं का अमेरिकी के नागरिक अधिकार आंदोलन पर काफी प्रभाव था। नागरिक अधिकारों के लिए काम करती रहीं रोजा पार्क्स और अब्राहम लिंकन की प्रतिमा को भी दफ्तर में सजाया गया है। इन नेताओं का नाम बाइडन अपने चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर लिया करते थे।
- नागरिक अधिकारों के लिए काम करती रहीं रोजा पार्क्स और अब्राहम लिंकन की प्रतिमा को भी दफ्तर में सजाया गया है। इसके अलावा ओवल दफ्तर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट का एक बड़ा सा चित्र लगाया गया है। उन्होंने वैश्विक मंदी और दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका को उभारा था। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन, जॉर्ज वाशिंगटन और अब्राहम लिंकन की तस्वीर भी इस कमरे में है। विपरीत विचारधारा वाले नेताओं की तस्वीर यह बयां कर रही हैं कि विचारों में विविधता का सम्मान होना चाहिए।
- बाइडन की कुर्सी के ठीक पीछे रखी मेज पर उनके परिवार की तस्वीरों के साथ मैक्सिकन अमेरिकी श्रमिक नेता सीजर शावेज की प्रतिमा रखी है। शावेज 1960 और 1070 के दशक में श्रमिकों के अधिकारों के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी थी। ब्रिटेन के युद्धकालीन नेता सर विंस्टन चर्चिल की एक एक विवादास्पद प्रतिमा को दफ्तर से हटा दिया गया है।
यह बदलाव भी काफी अहम
इसके अलावा ट्रंप के कार्यकाल के दौरान दफ्तर में लगे सुनहरे पर्दों की जगह गहरे रंग के पर्दे लगाए गए हैं। सुनहरों पर्दों को ट्रंप ने वर्ष 2017 में अपने कार्यकाल की शुरुआत में लगवाया था। बाइडन के कमरे में नीले रंग का कालीन लगाया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौर में भी ओवल दफ्तर का यही रंग था। अमेरिकी फौज की विभिन्न शाखाओं के झंडे भी दफ्तर से हटा दिए गए हैं। उनके स्थान पर अमेरिकी ध्वज और राष्ट्रपति की मोहर वाला झंडा लगाया गया है।