गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही भाजपा में टिकट के लॉबिंग शुरू हो गई है। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर तथा भावनगर महानगर पालिका के चुनाव 21 फरवरी को होंगे। इसके लिए अभी से भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं। एक फरवरी से महानगरपालिका के लिए नामांकन शुरू होंगे। इससे पहले भाजपा के कई नेता व कार्यकर्ता अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर रहे हैं। अहमदाबाद के नरोडा में भाजपा के पदाधिकारियों में कहासुनी हो गई। लवजी भरवाड नामक स्थानीय पदाधिकारी ने टिकट की मांग की। इसके चलते उनकी विरोधियों के साथ हाथापाई हो गई। दोनों ही गुट के कुछ घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अहमदाबाद के अलावा सूरत, राजकोट, वडोदरा व जामनगर से भावनगर में भी भाजपा के प्रतिनिधि महानगर पालिका चुनाव में प्रत्याशियों का चुनाव करने पहुंचे हैं। कार्यकर्ताओं तथा मतदाताओं का मन टटोलने पहुंचे लोगों को कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता रिझाने का भी प्रयास कर रहे हैं। इन सभी महानगर पालिकाओं में भारतीय जनता पार्टी काबिज है, इसलिए भाजपा को सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस में संयोजन के लिए ताम्रध्वज साहू को चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया है। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पिछले कई माह से तैयारियों में लगे हुए हैं। भाजपा में कांग्रेस इन चुनाव को अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। छह महानगरपालिका के चुनाव परिणाम आने के बाद जिला पंचायत नगर पालिका तथा तहसील पंचायतों के चुनाव होंगे। कांग्रेस एक साथ चुनाव नहीं कराने को लेकर भी भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस के एक गुट का मानना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए और ऐसा नहीं होने पर अदालत में चुनाव आयोग के इस फैसले को चुनौती दी जानी चाहिए। आगामी दिनों में कांग्रेस अदालत में जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। गुजरात कांग्रेस महानगर पालिका तथा जिला पंचायत और नगरपालिका के चुनाव अलग-अलग तारीख पर कराने के विरोध में है कांग्रेस का मानना है कि एक ही दिन मतदान होने से चुनाव परिणाम उस के पक्ष में आ सकते हैं। चुनाव आयोग ने पहले छह महानगरपालिका तथा बाद में जिला पंचायत में नगर पालिका के चुनाव कराने का फैसला किया है।