कांग्रेस कार्यसमिति की शुक्रवार को हो रही बैठक के मद्दनेजर संगठन चुनाव को लेकर पार्टी में सरगर्मी बढ़ गई है। पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को शुरू किए जाने की संभावनाओं को देखते हुए जहां हाई कमान के समर्थक नेता राहुल गांधी के दोबारा कमान थामने के लिए आगे आने की पुख्ता उम्मीद कर रहे हैं, वहीं पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के खेमे में भी संगठन चुनाव में उम्मीदवार उतारने पर गहन मंथन चल रहा है।
कार्यसमिति की बैठक में छाए रहेंगे ये मुद्दे
संसद के बजट सत्र से पहले बुलाई गई कार्यसमिति की बैठक में वैसे तो किसानों के आंदोलन, बजट सत्र, चीनी घुसपैठ सरीखे कई अहम राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा होगी, मगर कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण मसला संगठन चुनाव के कार्यक्रमों को हरी झंडी दिए जाने का रहेगा। पार्टी के चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए एआइसीसी सदस्यों की सूची तैयार करने समेत लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली है।
नए अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रमों का हो सकता है एलान
पार्टी चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को संगठन चुनाव को मूर्त रूप देने के लिए कार्यसमिति की मंजूरी का इंतजार है। पार्टी के सियासी गलियारों में चर्चा गरम है कि शुक्रवार को कार्यसमिति की बैठक में प्राधिकरण को कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करने की मंजूरी दी जा सकती है। पार्टी के मौजूदा ढांचे में अधिकांश नेता और कार्यकर्ता ही नहीं, तमाम राज्य इकाइयां राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं।
कांग्रेस शासित राज्य भी राहुल के साथ
यही नहीं कांग्रेस शासित चारों राज्यों के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और नारायणसामी भी राहुल के ही समर्थन में हैं। पार्टी की मौजूदा हालत और नेतृत्व की शैली पर सवाल उठाने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं के खेमे में इसको लेकर अभी दुविधा और सस्पेंस दोनों है।
विकल्प नहीं किया बंद
असंतुष्ट खेमे की नाराजगी दूर करने के लिए पिछले 19 दिसंबर को सोनिया गांधी की बुलाई गई बैठक के बाद इनके तेवर कुछ नरम जरूर पड़े, मगर अभी भी अध्यक्ष चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने का उनका विकल्प बंद नहीं हुआ है।
…तो अपना उम्मीदवार उतार सकता है असंतुष्ट खेमा
असंतुष्ट खेमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरते हैं तो हालात के हिसाब से उनके मुकाबले उम्मीदवार उतारने या नहीं उतारने पर फैसला होगा। राहुल की जगह केसी वेणुगोपाल सरीखे किसी हल्के चेहरे को उतारा गया तो असंतुष्ट खेमा अपना उम्मीदवार उतारेगा, यह लगभग तय है। इन दोनों सियासी परिस्थितियों के मद्देनजर ही जी 23 समूह अध्यक्ष पद के लिए अंदरखाने एक दमदार उम्मीदवार की तलाश कर रहा है।