किसानों ने मंगलवार देर शाम केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का एलान किया है। इसके तहत बुधवार को सभी संगठनों से मंत्रणा करने के बाद यह जवाब केंद्र को भेजा जाएगा।
तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 28 वें दिन में प्रवेश कर गया है। यहां पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जो चिट्ठी केंद्र सरकार ने भेजी है।
बुधवार को उसका जवाब दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है। उधर, कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इस कानूनों के बारे में पता है।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के निर्देश पर, डेरेक ओ ब्रायन, सतबदी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मोंडल और एमडी नादिमुल हक सहित 5 पार्टी सांसद सिंघू बॉर्डर पर पहुंचे और वहां भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मुलाकात की। इन सांसदों ने किसानों से बातचीत की।
कृषि कानूनों के खिलाफ कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड जाम कर धरना दे रहे किसानों के कारण आसपास के लोगों की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। किसानों ने धरनास्थल से करीब छह किलोमीटर पीछे प्रीतमपुरा के पास ही जीटी रोड के साथ-साथ सर्विस रोड को भी पूरी तरह से जाम कर दिया है। यहां से दोपहिया वाहनों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। इसके अलावा मंगलवार को युवा किसानों ने केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे से जीटी रोड पर दिल्ली की ओर उतरने वाले रोड को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया। ऐसे में कुंडली, प्याऊ मनियारी व आसपास के क्षेत्र में काम करने वाले या रहने वाले लोगों के लिए अब समस्या खड़ी हो गई है। यहां से लोग पैदल ही आवागमन कर सकते हैं।