Ab2 जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 28 वें दिन में प्रवेश कर गया है।  यहां पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जो चिट्ठी केंद्र सरकार ने भेजी है। बुधवार को उसका जवाब दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है। उधर, कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इस कानूनों के बारे में पता है।

वहीं,  कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की तैयारी में जुट गए हैं। किसान नेताओं ने इंग्लैंड के सांसदों को पत्र भेजकर अपील की है कि वे अपने प्रधानमंत्री को किसानों के समर्थन में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करने के लिए आने से रोकें। किसानों ने देर शाम सरकार को जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का एलान किया है। बुधवार को सभी संगठनों से मंत्रणा करने के बाद यह जवाब केंद्र को भेजा जाएगा। इसमें किसानों का सवाल है कि केंद्र सरकार बताए कि कृषि कानून रद होंगे या नहीं, इसके बाद वह बताएंगे कि बातचीत के लिए जाएंगे या नहीं। जाएंगे तो कब व किसके बुलावे पर जाएंगे।