किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि सरकार तय कर चुकी है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। उन्होंने जो चिट्ठी जारी की है उसमें लिखा है कि अगर किसान कानूनों में बदलाव चाहते हैं तो बातचीत की तारीख और समय बता दें।
किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है। इस बीच किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि सरकार तय कर चुकी है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। उन्होंने जो चिट्ठी जारी की है, उसमें लिखा है कि अगर किसान कानूनों में बदलाव चाहते हैं तो बातचीत की तारीख और समय बता दें। ये सरकार का समाधान के लिए कदम बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों से धोखा है। आम आदमी को लगेगा कि किसान जिद पर अड़े हैं, लेकिन हकीकत ये है कि हम कानूनों में बदलाव चाहते ही नहीं, बल्कि चाहते हैं कि ये वापस लिए जाएं।
This is not a step forward by the govt but a way to trick farmers. A normal person would think that farmers are stubborn but the fact is that we don't seek amendments in farm laws, we want them to be completely shunned: Sarwan Singh Pandher, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee https://t.co/dNXYRg0l6U
— ANI (@ANI) December 22, 2020
सरकार से बातचीत के न्योते पर किसान आज फैसला ले सकते हैं
सरकार से बातचीत को लेकर किसान फैसला ले सकते हैं। वे तय करेंगे कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं। सरकार की तरफ से रविवार रात किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी। दूसरी तरफ किसान नेता हन्नान मुला ने कहा कि सरकार दिखावा कर रही है। एजेंडे पर चर्चा नहीं चाह रही। बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर ही हो।
‘सरकार पुराने प्रपोपल पर ही बात करना चाहती है’
किसानों नेताओं का कहना है कि सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रस्ताव भेजा है। इसमें पुरानी बातों पर ही जोर है। सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रस्ताव में थे। सरकार पुराने प्रस्ताव पर बातचीत चाहती है। कानून रद करने और एमएसपी पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा नहीं चाहती।