नियुक्ति आदेश में ‘पूर्व प्रभावी’ संशोधन से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले को रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। एक एनजीओ की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल इस याचिका में सरकार को नियमानुसार तथा पारदर्शी तरीके से एजेंसी का निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।याचिका में दलील दी गई है कि केंद्र द्वारा मिश्रा का कार्यकाल एक साल बढ़ाया जाना केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) एक्ट, 2003 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
ईडी निदेशक की नियुक्ति इसी कानून के तहत होती है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने नियुक्ति आदेश को पूर्व प्रभाव से संशोधित कर मिश्रा का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। आइआरएस अधिकारी मिश्रा को 19 नवंबर, 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया था। लेकिन सरकार ने 13 नवंबर, 2020 को जारी एक आदेश में कहा कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश में उल्लेखित ‘दो साल’ के कार्यकाल को संशोधित करते हुए ‘तीन साल’ कर दिया है। इस तरह कानून के तहत जो काम सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता, उसे परोक्ष तौर पर किया गया है।
राउत कब देंगे ईडी को भाजपा नेताओं की सूची : फड़नवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हमें इंतजार है कि राउत भाजपा नेताओं की सूची प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कब भेजेंगे। शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक के ठाणे स्थित आवास पर छापे को राजनीतिक बदला बताते हुए राउत ने कहा था कि वह 120 भाजपा नेताओं की सूची ईडी के पास भेजकर देखेंगे कि उन पर कार्रवाई होती है या नहीं।फड़नवीस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैंने राउत को सूची भेजने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि वह सूची भेजेंगे। हम इंतजार कर रहे हैं।’ सरनाइक के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर फड़नवीस ने कहा कि एजेंसी अपने पास उपलब्ध सुबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रही है। सरनाइक को एजेंसी से संपर्क करना और अपना पक्ष रखना चाहिए था। इसकी जगह वह सामना (शिवसेना का मुखपत्र) के दफ्तर गए और साक्षात्कार दिया।