पुडुचेरी में अब तक सिर्फ चार सरकारें ही पूरा कर सकी हैं कार्यकाल

पुडुचेरी में सोमवार को कांग्रेस की सरकार गिरने के साथ ही यहां की सियासत में एक नया अध्याय जुड़ गया है। इस केंद्र शासित प्रदेश में अब तक सिर्फ चार सरकारें ही अपना कार्यकाल पूरा कर सकीं हैं, जबकि वी. नारायणसामी की सरकार समेत छह सरकारें अपना कार्यकाल पूरा करने में विफल रही हैं।

पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव से दो-तीन महीने पहले ही कांग्रेस ने सत्ता खो दी है। कांग्रेसी विधायकों के पिछले महीने से ही हो रहे इस्तीफे से संकट में आई मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी की सरकार आखिरकार सोमवार को गिर गई। इसके साथ ही अब कांग्रेस की सरकार सिर्फ तीन राज्यों- पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में रह गई है। इसके अलावा पार्टी महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन सरकार में शामिल है।

पुडुचेरी में जिन सरकारों ने पूरे पांच साल तक काम किया, उनमें 1985 की फारूक के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, 1991 की वी वैथिलिंगम के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, 2001 की एन रंगासामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, और 2011 रंगासामी के नेतृत्व वाली एआइएनआरसी की सरकार शामिल है।

वहीं, जो सरकारें अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं, उनमें 1969 में डीएमके-सीपीआई गठबंधन की सरकार, 1974 और 1977 में एआइएडीएमके की सरकारें, 1980 में डीएमके-कांग्रेस की सरकार, 1990 में डीएमके-जनता दल की सरकार और अब नारायणसामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-डीएमके की सरकार शामिल है।

मालूम हो कि पुडुचेरी में केंद्र शासित प्रदेश कानून, 1963 में 30 सदस्यीय निर्वाचित सदन में तीन मनोनीत सदस्यों का प्रविधान किया गया था। लेकिन इस प्रविधान का इस्तेमाल पहली बार 1985 में एमओएच फारूक की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किया गया था।