भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं के लिए न्यूनतम साझा मानक जारी किए हैं। इसका मकसद डिजिटल भुगतान की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके तहत इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल पेमेंट, कार्ड पेमेंट, ग्राहक सुरक्षा व शिकायत निपटान तंत्र से संबंधित दिशा-निर्देश शामिल हैं। ये नियम सभी शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक तथा क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी एनबीएफसी पर लागू होंगे। आज के समय जब बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, केंद्रीय बैंक के ये दिशा-निर्देश काफी अहम हो जाते हैं।
लगातार तेजी देखने को मिल रही है, केंद्रीय बैंक के ये दिशा-निर्देश काफी अहम हो जाते हैं।
(यह भी पढ़ेंः 23 कैमरों की जद में होगा लाल ग्रह, अमेरिकी रोवर तलाश करेगा मंगल पर जीवन)
दिशा – निर्देश में कहा गया है कि साइबर हमलों की बढ़ती बारंबारता और उनसे होने वाले नुकसानों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान व फंड ट्रांसफर तथा एटीएम, माइक्रो एटीएम या बिजनेस कोरेस्पांडेंट्स के माध्यम से रकम की निकासी में कई चरणों के सुरक्षा मानक अपनाए जाएं। माना जा रहा है कि इससे भुगतान के डिजिटल माध्यमों और ग्राहकों, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
दिशा – निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग तथा कार्ड पेमेंट जैसे मामलों में बैंक व संबद्ध संस्थाएं मजबूत सुरक्षा मानकों का पालन करेंगी। वे ग्राहकों को बेहद प्रचलित जोखिमों के बारे में लगातार जानकारी देंगी। मोबाइल एप के बारे में आरबीआइ ने कहा है कि संबंधित इकाई को अपने एप का नया संस्करण जारी करने के छह महीनों के भीतर पुराने संस्करण को निष्क्रिय कर देना होगा।