राजस्थान के कांग्रेसियों से पार्टी महासचिव अजय माकन द्वारा किया गया वादा एक बार फिर पूरा नहीं हो सका। ऐसा दूसरी बार हुआ है कि प्रदेश के नेताओं व कार्यकर्ताओं से किए गए वादे पर माकन नहीं उतरे। माकन ने इस माह की शुरूआत में कहा था कि 15 फरवरी तक जिला स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों का काम पूरा कर लिया जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ताओ को जिला स्तर की विभिन्न कमेटियों में नियुक्तियां दी जाएगी। लेकिन तय समय सीमा निकलने के बाद कांग्रेसियों में खलबली मचने लगी है।
कांग्रेसियों में इस बात की भी चर्चा है कि क्या माकन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बिना चर्चा किए वादा करते हैं, जो पूरा नहीं हो पाता। मुख्यमंत्री फिलहाल किसी भी तरह की राजनीतिक नियुक्ति करने के मूड में नहीं है। इससे पहले माकन ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि 31 जनवरी तक राज्य स्तरीय निगम व बोर्डों में वरिष्ठ नेताओं की नियुक्ति करने के साथ ही जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएगी।
उन्होंने कहा था कि हर हाल में राजनीतिक नियुक्तियों का काम 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की बात भी कही थी। लेकिन मुख्यमंत्री विधानसभा के बजट सत्र और अगले माह में संभावित चार विधानसभा सीटों के उप चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां करने के मूड में नहीं है।
माकन लगातार मुख्यमंत्री पर दबाव बना रहे है लेकिन वे नहीं मान रहे। माकन की दुविधा यह है कि एक तो सचिन पायलट की बगावत को थामने के लिए उनसे किए गए वादे के अनुरूप मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां कराना, वहीं गहलोत मानने को तैयार नहीं है।
गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतक नियुक्तियां अपने हिसाब से करना चाहते हैं। सत्ता व संगठन सूत्रों के अनुसार गहलोत अप्रैल से पहले किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेना चाहते हैं। हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि करीब 40 हजार राजनीतिक नियुक्तियां होनी है। जिला स्तर की नियुक्तियों के नाम उनके पास आ चुके,विधानसभा का बजट सत्र खत्म होते ही राजनीतिक नियुक्तियां दे दी जाएगी।