पुणे में एक युवती की कथित खुदकुशी मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़नवीस ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया है। पूछा है कि क्या पुलिस पर कोई दबाव है। पुलिस को तो स्वत: ही इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। जबकि सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा है कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा, लेकिन यह विपक्ष के हिसाब से नहीं होगा। मालूम हो कि आठ फरवरी को पुणे के हडपसर इलाके में 23 वर्षीय युवती की एक इमारत से गिरने से मौत हो गई थी। वनवाड़ी थाना पुलिस ने इस मामले में दुर्घटनावश मौत का केस दर्ज किया है। लेकिन इंटरनेट मीडिया में दावा किया जा रहा है कि युवती के राज्य के वन मंत्री व शिवसेना नेता संजय राठौड़ से संबंध थे।
फड़नवीस ने शुक्रवार को कहा था कि उनके कार्यालय को युवती की मौत से जुड़ी बातचीत के 12 ऑडियो क्लिप मिले हैं। इसमें दो व्यक्ति बात कर रहे हैं। उन्होंने इन टेपों को पुलिस महानिदेशक को भेज दिए हैं। फड़नवीस ने रविवार को यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई में वह गंभीरता नहीं दिखती है, जैसी कि होनी चाहिए। इसलिए सवाल उठता है कि क्या पुलिस पर कोई दबाव है। इस केस से जुड़े क्लिप बिल्कुल स्पष्ट हैं और पुलिस को उसके आधार पर स्वत: ही संज्ञान लेना चाहिए। क्लिप की आवाज को आसानी से पहचाना जा सकता है। पुलिस को उसकी पहचान उजागर करनी चाहिए, जो वह छिपा रही है। मामले में अपराध दर्ज किया जाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने नासिक में कहा कि इस मामले में सच्चाई और कानून कायम रहेंगे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक संवेदनशील व्यक्ति हैं और लोग उन पर विश्वास करते हैं। वह कह चुके हैं कि मामले की जांच होगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक महिला ने राकांपा नेता व मंत्री धनंजय मुंडे पर (दुष्कर्म) आरोप लगाया था और बाद में वापस ले लिया। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा चरित्र हनन के कई उदाहरण हैं। अब मंत्री संजय राठौड़ के खिलाफ कुछ आरोप लगाए जा रहे हैं। वह विदर्भ में शिवसेना के एक स्तंभ हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि इस प्रकार के आरोपों से वे राजनीति में सफल हो जाएंगे। लेकिन सच्चाई बदलती नहीं है।