महाराष्ट्र के लातूर में जिला परिषद के सात कर्मियों को अपने माता-पिता का खयाल नहीं रखना महंगा पड़ा। जिला परिषद अध्यक्ष राहुल बोंद्रे ने शनिवार को बताया कि इन कर्मियों के वेतन से 30 फीसदी राशि काटकर उनके माता-पिता के बैंक खाते में डालना शुरू कर दिया गया है। बता दें कि माता-पिता की देखभाल नहीं करने के संबंध में 12 कर्मियों के खिलाफ शिकायत आई थी। इनमें से छह शिक्षक हैं।
माता-पिता का खयाल नहीं रखने वाले कर्मियों के वेतन से कटौती का प्रस्ताव पारित हुआ था
पिछले साल नवंबर में जिला परिषद की आम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया था कि माता-पिता का खयाल नहीं रखने वाले कर्मियों के वेतन से 30 फीसद की कटौती की जाए। दिसंबर से इस पर अमल शुरू हो गया है।
जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा- वेतन से कटौती हर माह जारी रहेगी
बोंद्रे ने बताया कि हमने अपने 12 कर्मियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच शुरू की थी। इनमें से सात कर्मियों के वेतन में दिसंबर से कटौती शुरू कर दी गई है। यह कटौती हर माह जारी रहेगी, जो औसतन 15,000 रुपये है। कुछ मामलों में नोटिस दिए जाने के बाद कर्मियों का अपने माता-पिता से समझौता हो गया है।