46 एकड़ जमीन की खातिर हिसार बरवाला के पूर्व विधायक तथा उनके परिवार के 8 सदस्यों के सामूहिक हत्याकांड के आरोप में अंबाला स्पेशल टास्क फोर्स तथा मेरठ पुलिस ने गुजरात के अमरेली में साधू के वेश में छिपे संजीव उर्फ ओम आनंदगिरी की धरपकड़ की है। संजीव ने अपनी पत्नी सोनिया के साथ मिलकर अपने ससुर तथा उनके परिवार के सदस्यों की 2001 में हत्या कर दी थी।
23 अगस्त 2001 में एक फार्म हाउस पर की थी हत्या
सामूहिक हत्याकांड का आरोपी संजीव उर्फ ओम आनंदगिरी अमरेली के राजुला में छतलिया आश्रम बनाकर रह रहा था। हिसार बरवाला के पूर्व विधायक रेलुराम पूनिया व सात अन्य परिवार के सदस्यों की संजीव ने अपनी पत्नी सोनिया के साथ मिलकर 23 अगस्त 2001 में एक फार्म हाउस पर हत्या कर दी थी। सोनिया के जन्मदिन पर इन सभी परिजनों को फार्महाउस पर बुलाकर सोनिया व संजीव ने पहले उन्हें नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोश कर दिया तथा बाद में एक एक को सिर में सरियों से वार कर मौत की नींद सुला दिया। हत्यारों ने इस दौरान जोरदार आतिशबाजी की ताकि इस भयानक हत्याकांड की किसी को भनक तक नहीं लगे।
हत्या के आरोप में दोनों को स्थानीय अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में आजीवन कैद में बदल दिया गया था लेकिन जून 2018 में पैरोल पर छूटकर संजीव वहां से भाग कर गुजरात आ गया। अंबाला स्पेशल टास्क फोर्स तथा मेरठ पुलिस ने उसे मेरठ हाइवे पर दबोचा, बाद में पूछताछ में पता चला कि वह गुजरात के आश्रम में साधु के वेश में छिपा था। राजुला के आश्रम के महंत का 5 साल पहले निधन हो गया था, पंजाब में उनके गुरुभाई ईश्वरानंद के माध्यम से संजीव यहां पहुंचा था। अमरेली के राजुला गांव के छतलिया आश्रम में साधु के वेश में छिपा रहा। 23 फरवरी 2020 को संजीव उर्फ आनंदगिरी ने यहां कृषि महोत्सव का भी आयोजन किया जिसमें गुजरात राज्यपाल तथा कई साधु-संतों को भी आमंत्रित किया।
आरोपी की थी, ससुर की 46 एकड़ जमीन पर नजर
संजीव की अपने ससुर रेलुराम की 46 एकड़ जमीन पर नजर थी। उसकी पत्नी सोनिया को आशंका थी कि पिता अपनी संपत्ति व जमीन अपनी पहली पत्नी के पुत्र सुनील के नाम कर देंगे। इसीलिए उसने पति के साथ मिलकर अगस्त 2001 में पिता रेलुराम पूनिया 50, माता कृष्णा देवी 41, भाई सुनील, बहन प्रियंका, भाभी शकुंतला सहित 3 अन्य बच्चों की हत्या कर दी थी। रेलुराम वर्ष 1996 में बरवाला सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते थे।