आजकल के अपराधी भी बदलते समय के साथ पुलिस को चकमा देने के नए-नए तरीके इजाद करते रहते हैं। कुछ ऐसा ही खुलासा गुजरात के अमरेली हुआ है, जहां एक अपराधी नौ हत्याएं करने के बाद जेल गया और जब पैरोल पर बाहर आया, तो फरार हो गया इसके बाद राज्य के अमरेली में जिले के राजुला गांव के छतलिया आश्रम में साधू बनकर रह रहा था। उसकी इस चालाकी का खुलासा तब हुआ, जब वह बीते दो फरवरी को यूपी के मेरठ से गिरफ्तार किया गया। बता दें कि संजीव ने हरियाणा के बरवाला से पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया और परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी थी।

आपको बता दें कि करीब बीस साल पहले 24 अगस्त 2001 को संजीव ने पत्नी सोनिया के साथ मिलकर हरियाणा के बरवाला से पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया सहित उनके परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी थी। बाद में पता चला था कि दोनों ने इस वारदात को अंजाम देने के लिए एक योजना बनाई थी। जिसके मुताबिक दोनों ने अपने जन्मदिन पर फॉर्म हाउस पर एक पार्टी रखी थी। जहां पर उन्होंने पहले पूरे परिवार को नशीला पेय पिलाया था और बाद में लोहे के सरिए से सिर में वारकर एक के बाद एक सभी को मौत के घाट उतार दिया था।

इस घटना के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इसी मामले में हिसार के जिला सत्र न्यायाधीश ने 31 मई, 2004 को सोनिया और संजीव को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में कोर्ट ने उसे उम्रकैद में बदल दिया था। काफी साल बाद जून 2018 में संजय को पैरोल मिल गई थी जिसके बाद से वह फरार हो गया था लेकिन सोनिया अभी भी जेल में है। फरार होने के बाद संजीव गुजरात के अमरेली पहुंचा, जहां अपनी पहचान छिपाने के लिए साधू का भेष धारण कर लिया था।

आरोपी संजीव उर्फ ओम आनंदगिरी अमरेली के राजुला में छतलिया आश्रम में रह रहा था। उसने 23 फरवरी 2020 को यहां कृषि महोत्‍सव का भी आयोजन किया था, जिसमें गुजरात राज्‍यपाल तथा कई साधु-संतों को भी आमंत्रित किया गया था।

गौरतलब है कि 24 अगस्त 2001 को हुए इस सामूहिक हत्याकांड में संजीव और सोनिया ने रेलूराम पूनिया, पत्नी कृष्णा, बेटे सुनील, बहू शकुंतला, बेटी प्रियंका, 4 साल के पोते लोकेश, ढाई साल की पोती शिवानी और डेढ़ महीने की प्रीति की हत्या कर दी थी। वहीं, रेलूराम पूनिया साल 1996 में बरवाला सीट पर निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर विधायक बने थे।