अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित एक पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा को अज्ञात अराजक तत्वों ने ना केवल क्षतिग्रस्त किया बल्कि उसे गिरा दिया। घटना के सामने आने के बाद देशभर में मौजूद भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय में गुस्सा है। उन लोगों ने इसे ‘हेट क्राइम’ करार देते हुए अधिकारियों से इसके दोषियों को जल्द पकड़कर सजा देने की मांग की गई है। कैलिफोर्निया में खालिस्तान समर्थक एक संगठन ने घटना पर खुशी भी जाहिर की है। ऐसा पहली बार नहीं है जब अमेरिका में गांधी प्रतिमा के साथ बदसलूकी हुई है।
दिसंबर 2020 में अज्ञात अराजक तत्वों ने वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने लगी मूíत को नुकसान पहुंचाया था। छह फीट ऊंची और लगभग 300 किलो वजन की यह कांस्य मूर्ति उत्तरी कैलिफोर्निया के सिटी ऑफ डेविस के सेंट्रल पार्क में लगी थी। इसे देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे इसे नीचे से काटा गया और चेहरे को क्षतिग्रस्त किया गया है। 27 जनवरी को सुबह पार्क के एक कर्मचारी को यह मूर्ति गिरी मिली थी।
सिटी ऑफ डेविस के काउंसिलमैन लूकस फ्रेरीश के मुताबिक मूर्ति को हटाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया है। अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि आखिर यह मूर्ति क्यों गिराई गई है। शहर के पुलिस विभाग के डिप्टी चीफ पॉल डोरोशोव ने माना है कि शहर के एक समुदाय के लिए इस प्रतिमा का सांस्कृतिक महत्व है। ऐसे में इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है। यह मूíत भारत सरकार ने सिटी ऑफ डेविस को दान की थी और गांधी विरोधी व भारत-विरोधी संगठनों के विरोध के बावजूद इसे चार वर्ष पहले सिटी काउंसिल ने स्थापित किया था। आर्गनाइजेशन फॉर माइनारीटीज इन इंडिया (ओएफएमआइ) शुरू से ही मूर्ति स्थापना का विरोध कर रहा था और इसे हटाने का अभियान छेड़ रखा था।